बीजिंग। कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव के लिए विशेषज्ञ जिन दो चीजों के इस्तेमाल पर जोर दे रहे हैं वे हैं मास्क और सेनिटाइजर। सेनिटाइजर जहां हाथों पर मौजूद वायरस को साफ करते हैं, वहीं मास्क वायरस को नाक और मुंह के रास्ते शरीर में जाने से रोकता है। यानी वायरस मास्क की बाहरी सतह पर ठहर जाता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि मास्क पर वायरस कितने दिन जीवित रहता है। अब तक के अध्ययन में इसका जवाब मिल गया है। इसके अनुसार, कोरोना वायरस मास्क की बाहरी सतह पर एक हफ्ते तक जबकि करेंसी (नोट), स्टेनलेस स्टील और प्लास्टिक की सतह पर कई दिन जिंदा रह सकता है। हालांकि घरेलू कीटनाशकों, ब्लीच और साबुन से लगातार हाथ धोकर इसका सफाया भी किया जा सकता है।
हांगकांग के साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट अखबार के मुताबिक, हांगकांग विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में कमरे के तापमान पर विभिन्न सतहों पर कोविड-19 की सक्रियता का पता लगाया है। छपे हुए कागज और टिश्यु पेपर पर यह तीन घंटे सक्रिय रहा जबकि लकड़ी और कपड़े पर यह एक दिन तक बना रहा। कांच और करेंसी पर चार दिन बाद ही इसका सफाया हो पाया। स्टेनलेस स्टील और प्लास्टिक की सतह से पूरी तरह खत्म होने में इसे चार से सात दिन लग गए। शोधकर्ताओं के अनुसार, अचंभे की बात यह थी कि मास्क की बाहरी सतह पर यह सात दिन तक सक्रिय बना रहा। इसलिए बहुत जरूरी है कि जब आप मास्क का इस्तेमाल करें तो ऊपरी सतह को कतई हाथ न लगाएं। इससे आप के हाथों से होकर संक्रमण मुंह और आंखों में पहुंच सकता है।
स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के लियो पून लिटमैन मलिक पीरिसने कहा कि कोरोना वायरस अनुकूल परिस्थतियों में लंबे समय तक सक्रिय बना रहता है। हालांकि मानक कीटनाशकों से इसका सफाया भी आसानी से किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि अन्य सतहों पर यह वायरस समय बीतने के साथ तेजी से खत्म होता है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि यह शोध लैब में सुरक्षा तरीकों को अपनाते हुए बिना अंगुली या हाथ लगाए किया गया है। इन निष्कर्षों से यह नहीं बताया जा सकता कि संक्रमित सतह के संपर्क में आकर किसी व्यक्ति के संक्रमित होने की कितनी संभावना है।
गौरतलब है कि पिछले माह नेचर जर्नल में प्रकाशित अमेरिकी शोधकर्ताओं की रिपोर्ट में भी अलग-अलग सतहों पर कोरोना वायरस की सक्रियता के बारे में रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी जिसमें इस वायरस के प्लास्टिक और स्टील की सतह पर 72 घंटे और तांबे की सतह पर 24 घंटे जीवित रहने की बात कही गई थी।
शोधकर्ताओं ने कहा कि इस वायरस से बचाव का फिलहाल सबसे बढ़िया उपाय हाथों को बार-बार धोते रहना है। साथ ही हमें मुंह और आंखों को कम से कम स्पर्श करना चाहिए क्योंकि ऐसा करना संक्रमण का बड़ा कारण है।
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