बीजिंग। (China New Virus) चीन के वुहान महानगर की एक लैब से निकले वायरस कोरोना ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है। इसके संक्रमण की वजह से लाखों लोगों की जान चुकी है, लाखों लोग अस्पताल में भर्ती हैं और वैज्ञानिक इसकी की दवा या वैक्सीन अभी तक नहीं खोज पाए हैं। इस बीच चीन के ही एक और वायरस G4 EA H1N1 ने चिंता बढ़ा दी है। वैज्ञानिकों ने इस वायरस से महामारी फैलने की आशंका जताई है। फ्लू की वर्तमान वैक्सीन इस वायरस के खिलाफ मानव शरीर की रक्षा करने में सक्षम नहीं है। सूअरों में मिला यह वायरस इंसानों को संक्रमित करने की क्षमता रखता है।
शोधकर्ताओं को डर सता रहा है कि यह वायरस और ज्यादा म्यूटेट होकर आसानी से एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है। दुनिया के लिए चिंताजनक खबर यह है कि इंफ्लुएंजा की यह नई नस्ल उन शीर्ष बीमारियों में शामिल है जिस पर विशेषज्ञ अपनी नजर बनाए हुए हैं। वह भी तब जब दुनिया कोरोना वायरस के खात्मे के लिए जूझ रही है।
G4 EA H1N1 वायरस पूरी दुनिया में महामारी का खतरा उत्पन्न कर सकता है। चीनी वैज्ञानिकों ने बताया कि इस फ्लू वायरस में वे सभी लक्षण मौजूद हैं जिससे यह इंसानों को संक्रमित कर सकता है। इस वायरस की करीब से निगरानी की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चूंकि यह वायरस नया है, इसलिए लोगों में या तो बहुत कम रोग प्रतिरोधक क्षमता होगी या होगी ही नहीं।
कोरोना वायरस से पहले दुनिया में अंतिम बार फ्लू महामारी वर्ष 2009 में आई थी और उस समय इसे स्वाइन फ्लू कहा गया था। मेक्सिको से शुरू हुआ स्वाइन फ्लू उतना घातक नहीं था जितना कि अनुमान लगाया गया था। इस बार कोरोना वायरस के कारण 1 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। ऐसी स्थिति में अगर नया वायरस फैलता है तो इसे रोकना बहुत मुश्किल होगा।
G4 EA H1N1 के अंदर अपनी कोशिकाओं को कई गुना बढ़ाने की क्षमता है। प्रोफेसर किन चो चांग ने कहा कि हम अभी कोरोना संकट में घिरे हुए हैं लेकिन हम अभी संभावित खतरनाक वायरसों पर से अपनी नजर हटाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।
शोधकर्ताओं ने बताया कि सुअर पालन का काम करने वाले मजदूरों के खून में ये नया वायरस काफी ज्यादा मिला है। उन्होंने इंसानों में इस वायरस की निगरानी पर जोर दिया, खासतौर पर सुअर पालन इंडस्ट्री में काम करने वाले लोगों पर इसे तुरंत प्रभाव से लागू करने की बात कही है। स्टडी में इस वायरस के खतरे के बारे में बताया गया है जोकि विशेष रूप से चीन में घनी आबादी वाले इलाकों में रहने वाले लोगों में फैल सकता है। खेतों, पशुपालन केंद्रों, बूचड़खानों और मांस-मछली बाजार के करीब रहने वालों को ज्यादा खतरा है।
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