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गिनीज बुक में सबसे ज्यादा चिड़िया पालने का अद्धभुत रिकॉर्ड मैसूर में रहने वाले गणपति सच्चिदानंद स्वामीजी के नाम दर्ज है जिन्होनें अपना खुद का ड़ियाघर बना रखा है जी हाँ किसी व्यक्ति की जिंदगी को कोई मकसद मिले इसके लिए एक क्षण ही काफी होता हैं। ऐसा ही कुछ हुआ मैसूर में रहने वाले गणपति सच्चिदानंद स्वामीजी के साथ।
मैसूर के रहने वाले 75 साल के डॉक्टर गणपति सच्चिदानंद स्वामीजी का नाम सबसे ज्यादा चिड़िया पालने की वजह से हाल ही में गिनीज बुक में दर्ज किया गया है। स्वामीजी ने 468 प्रजाति की रंग-बिरंगे कुल 2100 चिड़िया पाल रखी है।
बना रखा है खुद का चिड़ियाघर…
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गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स जुड़े लोगों ने बताया कि वे दुनियाभर में घूमघूम कर अलग-अलग प्रजातियों के चिड़ियों को अपने आश्रम में लाते हैं और उनकी देखभाल करते हैं। इतना ही नहीं वो बीमार, घायल और भटके हुए चिड़ियों को भी अपने आश्रम में पनाह देते हैं। चिड़ियों की अच्छे से देखभाल हो इसके लिए उन्होंने जंगल के बीच 21 एकड़ में चिड़ियाघर भी बना रखा है। चिड़ियों की देखभाल के लिए इन्होंने साल 2012 में सुका वाना नामक पुनरुद्धार केन्द्र भी खोला था।
एक हादसे ने बदल दी सोच
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सच्चिदानंद स्वामी ने बताया कि करीब 6 साल पहले वो वेनेजुएला के एंजल फॉल घूमने गए थे, जहां उनका पैर फिसल गया और करीब 100 फीट नीचे गिर गए। जब उन्हें होश आया तो देखा कि करीब एक सौ चिड़िया उनके आस-पास बैठी हुई हैं। मुझे लगा कि मेरी जान बचाने इन चिड़ियाओं की भूमिका है, जिसके बाद मैंने डिसाइड किया कि मैं भी अब इन चिड़ियों की देखभाल करुंगा। इसके बाद वे भारत आ गए और सबसे पहले अपने आश्रम में चिड़ियाघर बनाने का प्लान बनाया। इसके अलावा वेटनरी हॉस्पिटल और पुनरुद्धार केन्द्र और चिड़ियों के रहने के लिए दर्जनों बर्ड रूम भी बनवाए। चिड़ियाघर का डिजाइन उन्होंने सिंगापुर के जुरोंग बर्ड पार्क की तरह तैयार किया है।
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आलम ये है कि आज के समय में यह लोगों और बर्ड एक्सपर्ट के लिए आकर्षण केन्द्र बन गया है। स्वामीजी के अलावा इस आश्रम में 50 से ज्यादा आदमी दिन-रात चिड़ियों की देखभाल में लगे रहते हैं।
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