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सावधान : दिल के लिए तंबाकू वाली सिगरेट जितनी ही खतरनाक है ई-सिगरेट

“वैज्ञानिक अध्ययनों से यह बात निकल कर सामने आती है कि ज्यादा समय तक ई-सिगरेट पीना सुरक्षित नहीं है क्योंकि दिल की बीमारियों का खतरा इससे काफी ज्यादा बढ़ जाता है।”

वॉशिंगटन। ई-सिगरेट को तंबाकू वाली सिगरेट के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करने वालों के लिए यह खबर सावधान करने वाली है। एक अध्ययन में यह साबित हुआ है कि ई-सिगरेट भी दिल के लिए उतनी ही खतरनाक है जितनी तंबाकू की सिगरेट होती है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च में यह बात सामने आई है।

अमेरिका की बॉस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में असिस्टेंट प्रोफेसर जेसिका एल. फिटरमैन ने अपनी स्टडी में कहा है कि कई लोगों को लगता है कि ई-सिगरेट ज्यादा खतरनाक नहीं होती हैं और ये तंबाकू वाली सिगरट के अपेक्षा ज्यादा सुरक्षित हैं। ज्यादातर लोग इसीलिए ई-सिगरेट पीना शुरू कर देते हैं क्योंकि उनको लगता है कि इससे स्वास्थ्य को नुकसान नहीं होगा।

फिटरमैने ने कहा, “वैज्ञानिक अध्ययनों से यह बात निकल कर सामने आती है कि ज्यादा समय तक ई-सिगरेट पीना सुरक्षित नहीं है क्योंकि दिल की बीमारियों का खतरा इससे काफी ज्यादा बढ़ जाता है।” फिटरमैन और उनके सहयोगियों ने 400 से भी ज्यादा महिलाओं और पुरुषों पर स्टडी की है जिनकी उम्र 21 साल से 45 साल के बीच है। इन लोगों में दिल से जुड़ी बीमारियों का पता चला है। इस स्टडी में जिन लोगों को शामिल किया गया है उनमें से 94 धूमपान नहीं करते हैं, 285 धूमपान करने वाले हैं 36 लोग ई-सिगरेट का सेवन करते हैं और 52 लोग ई-सिगरेट और तंबाकू की सिगरेट दोनों का सेवन करते हैं।

फिटरमैन ने बताया कि हमने ई-सिगरेट और दोनों तरह की सिगरेट का सेवन करने वालों की रक्त वाहिका के कार्यों का अध्ययन किया। ये लोग कम से कम तीन महीने से ई-सिगरेट का उपयोग कर रहे थे। इनमें से अधिकतर अध्ययनों में देखा गया है कि ई-सिगरेट के तीव्र उपयोग का प्रभाव रक्त वाहिका के कार्यों पर पड़ता है, जबकि हमारे अध्ययन में युवा स्वस्थ वयस्कों में ई-सिगरेट के उपयोग से रक्त वाहिका के कार्य का मूल्यांकन किया गया है।

धमनियों को सख्त करने से कोशिकाओं समेत छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान हो सकता है और हृदय पर अतिरिक्त तनाव पड़ता है, जिससे हृदय रोग की संभावनाएं पैदा हो सकती हैं। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि रक्त वाहिकाओं को पंक्तिबद्ध करने वाली एंडोथेलियल कोशिकाएं,समान रूप से क्षतिग्रस्त दिखाई देती हैं चाहे लोग ई-सिगरेट का सेवन करें या दहनशील सिगरेट या दोनों का उपयोग करते हों।

ई-सिगरेट और तंबाकू सिगरेट पीने वालों में एंडोथीलियल सेल्स, तंबाकू का सेवन ना करने वालों की तुलना में हृदय-सुरक्षात्मक यौगिक नाइट्रिक ऑक्साइड का कम उत्पादन करती हैं। इससे सेल्स के विभिन्न हिस्से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं जैसे कि प्रोटीन और डीएनए। फिटरमैन ने कहा कि हमारी स्टडी से यह बात सामने आती है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ई-सिगरेट का उपयोग हृदय की चोट, शिथिलता या नुकसान को कम करता है। यह भी उतना ही प्रभाव ड़ालता है जितना तंबाकू की सिगरेट।

क्या है ई-सिगरेट

यह एक बैटरी चालित उपकरण है जो निकोटीन या गैर-निकोटीन के वाष्पीकृत होने वाले घोल की सांस के साथ सेवन की जाने वाली खुराक प्रदान करता है। यह  सिगरेट, सिगार या पाइप जैसे धूपान वाले तंबाकू उत्पादों का एक विकल्प है। तथाकथित निकोटीन वितरण के अलावा यह वाष्प पिये जाने वाले तंबाकू के धुंएं के समान स्वाद और शारीरिक संवेदन भी प्रदान करती है जबकि इस क्रिया में दरअसल कोई धुंआ या दहन नहीं होता है।

ई-सिगरेट किसी हद तक लंबी ट्यूब के रूप का होती है जबकि इनका बाहरी आकार-प्रकार वास्तविक धूमपान उत्पादों जैसे सिगरेट, सिगार और पाइप जैसा डिजाइन किया जाता है। अधिकतर ई-सिगरेट के उपकरण पुनः उपयोग योग्य होते हैं जिनके भागों को बदला और फिर से भरा जा सकता है। कुछ तरह की डिस्पोजेबल इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट भी विकसित की गई हैं।

gajendra tripathi

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