पेरिस। फ्रांस की राजधानी पेरिस के मध्य में स्थित पावन विरासत स्थल 12वीं सदी में निर्मित प्रसिद्ध नॉट्रे डैम कैथेड्रल चर्च में सोमवार को भीषण आग लग गई। अग्निशमन विभाग की टीम ने घंटों मशक्कत के बाद ऐतिहासिक चर्च में लगी आग को काबू कर लिया है। कैथेड्रल की मुख्य संरचना को बचा लिया गया है लेकिन अन्य हिस्से तबाह हो गए।
आग छत से शुरू हुई और देखते ही देखते उसने पूरे चर्च को अपनी चपेट में ले लिया। आग की ऊंची-ऊंची लपटे दूर-दूर तक देखी गईं और आसमान में काले धुएं के बादल छा गए। आग से चर्च की ऊंची मीनारें पूरी तरह खाक हो गई हैं। छत का बड़ा हिस्सा पूरी तरह जल गया है।
फायर ब्रिगेड के मुताबिक आग शाम लगभग पांच बजे लगी। इन दिनों व्यापक पैमाने पर चर्च के जीर्णोद्धार का काम चल रहा है। आशंका जताई जा रही है कि आग लगने की वजह जीर्णोद्वार कार्यो से जुड़ी हो सकती है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां ने घटना पर गहरा दुख जताया है। घटना की जानकारी मिलते ही उन्होंने अपना टीवी संदेश निरस्त कर दिया और तुरंत मौके पर पहुंच गए। उप गृहमंत्री लॉरेंट नुनेज मौके भी पर पहुंचे और बेहद सावधानी बरतने का आग्रह करते हुए उन्होंने बताया कि इतनी देर में पहली बार आग की लपटे थोड़ी कम हुई हैं।
फ्रांस के अभियोजकों ने फिलहाल आग लगने के पीछे किसी भी तरह की साजिश की आशंकाओं को खारिज कर दिया है। पेरिस की मेयर ऐनी हिडाल्गो ने ट्वीट कर कहा, “नोट्रे डेम कैथेड्रल ईमारत में सोमवार को भीषण आग लग गयी और दमकलकर्मी आग को काबू में करने की कोशिश कर रहे है। मैं सभी लोगों से सुरक्षा मानकों का पालन करने का अनुरोध करती हूं।”
कैथेड्रल के प्रवक्ता ने बताया कि छत पर लगे लकड़ी के ढांचे से यह आग लगी। आग से ऐतिहासिक भवन के साथ ही उस पर की गई चित्रकारी भी नष्ट हो गई। लगभग 850 साल पुराने इस चर्च में लकड़ी का काम ज्यादा था। आग में सबकुछ खाक हो गया है। दमकल विभाग के करीब 400 कर्मियों ने काफी मशक्कत की और वे काफी नुकसान के बावजूद आगे के टावर बचाने में कामयाब रहे।
जर्मनी की चांसलर एंजिला मर्केल ने घटना पर दुख जताते हुए इस चर्च को यूरोपीय संस्कृति का प्रतीक बताया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ट्वीट कर इस घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि भीषण आग को देखना बहुत दुखद है। लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा है कि दुख की इस घड़ी में लंदन के लोग पेरिस के साथ खड़े हैं। संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक संस्था यूनेस्को ने भी इस घटना पर गहरा दुख जताया है। यूनेस्को महासचिव ऑड्रे आजोले ने कहा कि हम चर्च को बचाने और उसके पुनरोद्धार में फ्रांस के साथ है। यूनेस्को ने 1991 में इस चर्च को विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया था।
इस चर्च का निर्माण वर्ष 1163 से 1345 बीच कराया गया था। इसे देखने के लिए
हर साल एक करोड़ से ज्यादा पर्यटक आते हैं।