इसके साथ ही चतुर्मास की शुरुआत होगी और आगामी चार माह तक मांगलिक कार्यक्रम में विराम लग जाएगा। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक शास्त्रगत मान्यताओं के आधार पर इस दौरान देवी-देवता, क्षीर सागर में विश्राम करेंगे और इसी वजह से चार माह तक मांगलिक कार्यक्रम नहीं होगे। देवशयनी से लेकर देवोत्थान एकादशी के दौरान समस्त मांगलिक कार्यक्रम निषेध होंगे। 22 नवंबर को देवउठनी एकादशी में तुलसी विवाह के साथ ही देवी-देवता क्षीर सागर में विश्राम कर लौटेंगे।
देवशयनी के दौरान कुछ तिथियां शुभ मानी जाती हैं। इसमें खास तौर पर गणेश चतुर्थी व नवरात्रि की तिथि शुभ कार्यों के लिए बेहतर है। इसलिए इस दौरान सगाई व नए व्यापार की शुरुआत जैसे कार्य कर सकते हैं। आज से देव सो जाएंगे। आगामी देवोत्थान एकादशी के दिन विवाह संस्कार पुन: प्रारंभ हो जाएंगे।
बरेली@BareillyLive. शहर के जयनारायण सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में जिला प्रशिक्षण आयुक्त पुष्पकांत शर्मा…
हाई फ्लड लाइट और वॉच टावर की संख्या को बढ़ाने को कहा, मेला क्षेत्र में…
बरेली@BareillyLive. उत्तर प्रदेश भारत स्काउट एवं गाइड के निर्देशन एवं जिला संस्था बरेली के तत्वावधान…
बरेली @BareillyLive. चीन द्वारा कब्जा की गई भारत की भूमि को मुक्त करने की मांग…
बरेली @BareillyLive. रामगंगा नदी के चौबारी मेले में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के कारण बरेली में…
Bareillylive : संगठन पर्व के चलते शहर के मीरगंज विधानसभा के मंडल मीरगंज व मंडल…