वाशिंगटन। (Corona virus can also spread through the eyes) बॉलिवुड की सुपर हिट फिल्म उमराव जान में रेखा पर फिल्मायी गई यह गजल लोग आज भी गुगुनाते हैं- इन आंखों की मस्ती के मस्ताने हजारों हैं…। फिलहाल आप किसी की आंखों में ना झांकिये, कोरोना हो जाएगा। यह हम नहीं कह रहे बल्कि अमेरिका के कुछ विशेषज्ञों ने यह खुलासा किया है। उनका कहना है कि यह जानलेवा वायरस आंखों के जरिए भी फैल सकता है। यानी अब आंखों की भी सुरक्षा जरूरी हो गई है। हालांकि शोधकर्ताओं ने कानों के कोरोना संक्रमण जरिए फैलने की आशंका से इन्कार किया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कोई संक्रमित व्यक्ति नजदीक होकर खांसता या छींकता है तो कोविड-19 (कोरोना वायरस) नाक और मुंह के साथ आंखों के जरिए भी दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। किसी संक्रमित व्यक्ति के आंसुओं से भी वायरस की चपेट में आने का खतरा रहता है।
यदि किसी व्यक्ति का हाथ इस जानलेवा वायरस के संपर्क में आता है और वह इन्हीं दूषित हाथों से आंखों को छूता है तो उसमें भी संक्रमण के फैलने की आशंका होती है। अमेरिकन अकेडमी ऑफ ऑप्थैल्मोलॉजी की मानें तो चश्मा पहनने से इस जानलेवा वायरस से सुरक्षा हो सकती है। यही कारण है कि स्वास्थ्य देखभाल करने वाले मेडिकल कर्मचारियों को भी संक्रमित मरीजों का इलाज करते समय चश्मा पहने रहने की सलाह दी गई है।
डॉक्टरों का कहना है कि बार-बार हाथ धोकर, सामाजिक दूरी का पालन करके और चेहरा ढक कर इस वायरस को फैलने से रोका जा सकता है। अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र का कहना है कि कानों के जरिये कोरोना वायरस के फैलने की आशंका नहीं है।
छह फुट की दूरी बनाने का नियम नाकाफी
इससे पहले एक अध्ययन में पाया गया था कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एक-दूसरे से छह फुट की दूरी बनाने का नियम नाकाफी है और यह जानलेवा वायरस छींकने या खांसने से करीब 20 फुट की दूरी तक जा सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि छींकने, खांसने और यहां तक कि सामान्य बातचीत से करीब 40 हजार बूंदें निकल सकती हैं। ये बूंदें प्रति सेकंड में कुछ मीटर से लेकर कुछ सौ मीटर दूर तक जा सकती हैं। अध्ययन में पाया गया कि बड़ी बूंदें गुरुत्वाकर्षण के कारण किसी चीज पर जम जाती हैं लेकिन छोटी बूंदें एरोसोल कणों को बनाने के लिए तेजी से फैल जाती हैं।
चिकित्सा विज्ञानियों ने अपने अध्ययन में यह भी पाया था कि कोरोना वायरस सर्दी और नमी वाले मौसम में तीन गुना तक फैल सकता है।