April 29, 2024

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कंप्यूटर पासवर्ड के जनक फर्नांडो जे. कॉर्बेटो का 93 साल की उम्र में निधन

न्यूयॉर्क। अपने कंप्यूटर में जिस पासवर्ड को लगाकर आप अपने डाटा और फाइलों की सुरक्षा को लेकर निश्चिंत हो जाते हैं, उसके जनक फर्नांडो जे. कॉर्बेटो नहीं रहे। इस अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक ने मंगलवार को अंतिम सांस ली। डॉक्टरों के अनुसार उनको मधुमेह यानी Diabetes था जो अब उन्हें काफी कष्ट दे रहा था।

कॉर्बेटो ने 1960 के दशक में कंप्यूटर टाइम शेयरिंग सिस्टम (CTSS) को लेकर एक प्रोजेक्ट पर काम किया जिसमें विभिन्न स्थानों पर कई उपयोगकर्ताओं को एक ही कंप्यूटर को टेलीफोन लाइनों के माध्यम से एक साथ एक्सेस करने की अनुमति दी गई। उनकी इस खोज की वजह से आज हम पर्सनल कंप्यूटर और कंप्यूटर पासवर्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। फर्नांडो मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रोफेसर रहे थे।

1950 के दशक के दौरान कंप्यूटर का उपयोग करना काफी थकाऊ था क्योंकि उस समय के कंप्यूटर काफी बड़े होते थे और उनका प्रोसेसिंग सिस्टम एक समय में केवल एक ही काम कर सकता था। इस परेशानी को देखते हुए फर्नांडो ने एक तकनीक विकसित की जिसे टाइम-शेयरिंग कहा जाता है। इस तकनीक ने कंप्यूटर के प्रोसेसिंग सिस्टम को अलग-अलग काम में इस्तेमाल के लिए बांट दिया। इससे कंप्यूटर से एक साथ  कई काम कर पाना संभव हुआ। CTSS ने कई लोगों के लिए एक समय में एक कंप्यूटर का इस्तेमाल करना और जटिल गणितीय कार्य करना संभव बना दिया।

फर्नांडो की इस खोज की वजह से यह संभव हो पाया कि आज एक कंप्यूटर सिस्टम पर कई लोग अलग-अलग अकाउंट से खोल सकते हैं। इस दौरान आप किसी अन्य यूजर के फाइल या डाटा को आप खोल नहीं सकते। इससे किसी का निजी डाटा लीक होने की आशंका कम हो गई। कंप्यूटिंग को अधिक कुशल बनाने के अलावा CTSS ने अनजाने में भी डिजिटल गोपनीयता की अवधारणा को स्थापित करने में मदद की। इसने लोगों को व्यक्तिगत पासवर्ड के साथ व्यक्तिगत खाते बनाने का विचार पेश किया। CTSS ने न सिर्फ कंप्यूटर के इस्तेमाल को आसान बना दिया बल्कि इससे डीजिटल पासवर्ड बनाने में सफलता मिली। इससे यूजर को अपने पासवर्ड के साथ खुद का अकाउंट बनाने में मदद मिली।