नई दिल्ली। देश में प्याज के खुदरा दामों में बंपर उछाल को देखते हुए उसका आयात करना सरकार के गले पड़ गया है। अब अधिकतर स्थानों पर प्याज फुटकर में 30 से 40 रुपये किलो बिक रहा है जबकि आयातित प्याज का अधिकतर हिस्सा बंदरगाहों में ही पड़ा हुआ है और उसके सड़ने की नौबत आ गई है। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार जल्द ही आयातित प्याज को 22-23 रुपये किलो की रियायती मूल्य पर बेच सकती है जो फिलहाल ऑफर किए गए रेट से 60 प्रतिशत सस्ता होगा। 

 केंद्र सरकार मौजूदा समय में 58 रुपये प्रति किलो की औसत कीमत पर राज्य सरकारों को आयातित प्याज ऑफर कर रही है ताकि वे आगे इसे वितरित कर सकें। हालांकि, इससे परिवहन लागत भी प्रभावित हो रहा है।

 प्याज की चढ़ती कीमतों की जांच करने के लिए केंद्र सरकार ने नवंबर 2019 में राज्य की ओर से  संचालित एमएमटीसी के माध्यम से 1.2 लाख टन प्याज आयात करने का निर्णय लिया था। तब से एमएमटीसी विदेशी बाजार से 14,000 टन प्याज खरीद चुका है।

सूत्रों के अनुसार, आयातित प्याज की एक बड़ी मात्रा अभी भी बंदरगाहों पर पड़ी हुई है, खासकर यह स्टॉक महाराष्ट्र में है। ऐसी स्थिति इसलिए आई क्योंकि कई राज्यों ने प्याज की उच्च दर होने से प्याज का उठाव नहीं किया। हालांकि, तब बाजार में नया प्याज आने के बाद खुदरा मूल्य कम होने लगा था।

सूत्रों ने बताया कि कई राज्यों ने आयातित प्याज को उठाने के लिए अपने आदेश वापस ले लिए क्योंकि उनका कहना था कि वे इसे खुदरा नहीं बेच सकते थे। सूत्रों ने कहा कि आयातित प्याज को लेनेवालों को एमएमटीसी ने 40,000 टन के आयात के आदेश जारी किए थे, जबकि आखिरकार केवल 14,000 टन प्याज खरीदा गया

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