नई दिल्ली। सिक्किम में मंगलवार को हुए एक बड़े राजनीतिक उलटफेर में भाजपा को बड़ी कामयाबी मिली है। यहां सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के 10 विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं। इसके चलते एसडीएफ में पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग समेत पांच विधायक ही बचे हैं। राज्य विधानसभा में कुल 32 सीटें हैं।
एसडीएफ के ये 10 विधायक भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव राम माधव की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए। इस साल मई में हुए चुनाव में एसडीएफ ने 15 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि 15 सीटों पर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा विजयी रहा था। इसी के साथ 25 साल से लगातार सत्ता में रही एसडीएफ के नेता पवन कुमार चामलिंग के स्थान पर प्रेम तमांग ने मुख्यमंत्री का पदभार संभाला था।
प्रेम सिंह तमांग ने चुनाव आयोग से की थी ये गुहार
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने चुनाव आयोग से उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराये जाने को माफ करने का अनुरोध किया था। तमांग ने 27 मई को मुख्यमंत्री की कमान संभाली थी। हालांकि, वह चुनाव नहीं लड़ सकते क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराया गया था और उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया गया था। उन्हें अपने पद बने रहने के लिए मुख्यमंत्री बनने के छह महीने के अंदर विधानसभा चुनाव लड़ना होगा।
तमांग ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर चुनाव लड़ने के लिए उनकी अयोग्यता माफ करने के लिए जन प्रतिनिधित्व कानून धारा 11 का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया है। उन्हें 1990 के दशक के भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराया गया और वह 2017 से एक साल के लिए जेल में थे। उन्हें अगस्त, 2018 को रिहा किया गया था। धारा 11 के तहत चुनाव आयोग किसी भी व्यक्ति के चुनाव लड़ने के लिए उसे अयोग्य ठहराये जाने संबंधी अवधि घटा सकता है या उसे खत्म कर सकता है।
यह धारा कहती है, “चुनाव आयोग उन कारणों के लिए जो दर्ज किये जाएंगे, इस अध्याय के तहत किसी को अयोग्य ठहराये जाने को खत्म कर सकता है या उसकी अवधि घटा सकता है।” जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत तमांग सात साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते। उसमें कैद का एक साल और उसके बाद के छह साल हैं। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि इस मामले पर विचार चल रहा है लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
चामलिंग के नाम सर्वाधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड
पवन कुमार चामलिंग ने सिक्किम में ही नहीं बल्कि पूरे देश में किसी राज्य का सर्वाधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बनाया है। पूर्वोत्तर में सिक्किम एकमात्र ऐसा राज्य है जहां भाजपा सत्ता में नहीं है। चामलिंग एसडीएफ के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। वह 1993 से मई 2019 तक लगातार पांच बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे। इस साल मई में हुए विधानसभा चुनाव में एसडीएफ को हार का सामना करना पड़ा और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के प्रेम सिंह तमांग सिक्किम के मुख्यमंत्री बने। तमांग उससे पहले चामलिंग की पार्टी एसडीएफ के प्रमुख नेताओं में शुमार थे।