मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने राजीव कुमार से सारधा चिटफंड घोटाले की जांच में सहयोग करने को कहा। नहीं होगी कोलकाता पुलिस आयुक्त की गिरफ्तारी।

नई दिल्ली। कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार कोसारधा चिटफंड घोटाले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) के सामने पेश होना ही पड़ेगा। सीबीआइ की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए हालांकि यह भी स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल उनकी गिरफ्तारी नहीं होगी। पुलिस आयुक्त राजीव कुमार शिलांग में केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश होंगे।

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने सवाल पूछा कि कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को पूछताछ में दिक्कत क्या है? मुख्य न्यायाधीश गोगई ने कहा कि राजीव कुमार को पूछताछ के लिए सीबीआइ के समक्ष पेश होना चाहिए और जांच में सहयोग करना चाहिए।  हम पुलिस आयुक्त को खुद को उपलब्ध कराने और पूरी तरह से सहयोग करने का निर्देश देंगे। हम बाद में अवमानना याचिका से निपटेंगे। मामले की सुनवाई कर रही पीठ में मुख्य न्ययाधीश गोगोई अलावा न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना शामिल थे। 

तीन अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी

शीर्ष अदालत ने सीबीआइ की अवमानना याचिका पर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, पुलिस महिनदेशक और कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को अवमानना नोटिस जारी किया। तीनों अधिकारियों से अवमानना पर 18 फ़रवरी तक जवाब मांगा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर जवाब देखने के बाद जरूरत लगी तो अधिकारियों को 20 तारीख को निजी तौर पर पेश होना होगा। अगर ऐसा होता है तो 19 को सुप्रीम कोर्ट से उन्हें सूचना दी जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी।  

सारधा चिटफंड घोटाले मामले को लेकर सीबीआई ने राजीव कुमार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। इस हलफनामे में कहा गया है कि कई आपत्तिजनक सामग्री/पत्राचार हैं, जिन्हें सीबीआइ द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ वरिष्ठ राजनेताओं के खिलाफ जांच के दौरान एकत्र किया गया था।


बीते रविवार को पश्चिम बंगाल में सीबीआइ अधिकारियों को हिरासत में लिये जाने के बाद से इस मुद्दे की गूंज सुप्रीम कोर्ट से लेकर सड़क और संसद तक सुनाई दी। सोमवार को सीबीआइ ने कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार पर सुबूत मिटाने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट से तत्काल सुनवाई की मांग की, लेकिन शीर्ष अदालत ने सुबूत मांगते हुए मामले की सुनवाई को मंगलवार तक के लिए टाल दिया था। अदालत ने मंगलवार को कहा था अगर इस बात का एक भी सुबूत पेश किया जाता है कि पुलिस आयुक्त राजीव कुमार ने साक्ष्य मिटाने के बारे में सोचा भी था तो कोर्ट उनके खिलाफ इतना सख्त आदेश देगा कि वे पछताएंगे। 

गौरतलब है कि सीबीआई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सारदा चिंटफंड घोटाले की जांच कर रही है।

error: Content is protected !!