नई दिल्ली। यूपी के मुख्यमंत्री पद का एलान अभी हुआ नहीं है और कयास लगाए जा रहे हैं, दावेदारी में रेलवे राज्य मंत्री मनोज सिन्हा का नाम ज्यादा चर्चा में है। यूपी के सिंहासन पर विराजमान होने से पहले सिन्हा शनिवार सुबह दर्शन करने काल भैरव मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने चौसट जोगिनी और नव ग्रह पूजन किया। इसके बाद वह विश्वनाथ मंदिर और संकटमोचन के भी दर्शन करने पहुंचे।
लखनऊ में आज शाम 4 बजे बीजेपी विधायक दल की बैठक होनी है, जहां विधायक दल का नेता चुना जाएगा।मीडिया सूत्रों के मुताबिक मनोज सिन्हा के नाम पर पीएमओ से हरी झंडी मिल गई है और शनिवार शाम होने वाली बीजेपी विधायक दल की बैठक में बस इसका औपचारिक ऐलान होना है।
आईआईटी-बीएचयू से सिविल इंजीनियरिंग कर चुके मनोज सिन्हा तीसरी बार सांसद बने हैं। केंद्रीय संचार मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और रेल राज्य मंत्री के रूप में उनकी छवि बेदाग बताई जा रही है।वह कई साल पहले बीएचयू के छात्र संघ अध्यक्ष रहे हैं। वह मृदुभाषी, शिष्ट और स्पष्ट हैं।
मनोज सिन्हा की सबसे बड़ी ताकत उनकी मिस्टर क्लीन की इमेज
उन पर किसी तरह का आरोप नहीं लगा है।भ्रष्टाचार मुक्त छवि होना उनकी सीएम की दावेदारी को बहुत ही मजबूत बनाता है।उनकी क्लीन इमेज और अविवादित छवि उन्हें पार्टी प्रेसिडेंट अमित शाह और पीएम मोदी का प्रिय बनाती है।
मीडिया सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि उनकी विनम्र और हार्डवर्किंग पर्सनाल्टी के चलते पीएम नरेंद्र मोदी उन्हें बहुत पसंद करते हैं, तो दूसरी ओर अमित शाह के नजदीकी माने जाते हैं। जबकि तीसरी ओर राजनाथ सिंह के बेहद करीबी माने जाते हैं।
मनोज सिन्हा बेहतरीन जमीनी नेता बताए जाते हैं
मनोज सिन्हा गाजीपुर से सांसद हैं।वे अपने संसदीय क्षेत्र में बेहद सक्रिय रहते हैं। लोगों से उनका सीधा जुड़ाव उन्हें एक बेहतरीन जमीनी नेता बनाता है। छुट्टी के दिन भी वे जनता दरबार लगाते हैं, और लोगों को बुलाकर उनकी समस्याएं सुनते हैं, और समाधान करते हैं।
मनोज सिन्हा एक संतुलित वक्ता भी हैं।वो तोल-मोल कर और संतुलन के साथ बोलते हैं, विवेक और कुशलता, उन्हें मोदी-अमित शाह के बेहद करीब लाती है, और भरोसे को मजबूत करती है।लगातार एक्टिव रहने और काम करते हुए सीखने का मिजाज उन्हें बहुत ही अलग बनाता है। रेलवे में बतौर राज्य मंत्री उन्होंने सुरेश प्रभु के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया।
जेपी की टॉप और इंटरनल लीडरशिप में उनके प्रति जबर्दस्त कॉन्फिडेंस है।पार्टी की टॉप लीडरशिप चाहती है कि यूपी का सीएम एक ऐसा चेहरा हो जो सभी ओर से स्वीकार हो।ऐसे में मनोज सिन्हा इस खासियत को पूरा करते हैं।
सीएम पद के दूसरे दावेदार (केशव प्रसाद मौर्य) की उम्मीदवारी गुरुवार को एक विचित्र तरीके से खत्म हो गई।मौर्य की मौजूदगी में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मीडिया से कह दिया, ‘केशवजी जिसका नाम तय करेंगे, उसपे मुहर लगा देंगे।’
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