नयी दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता को प्रदर्शित करता हुआ पोस्टर फर्जी निकला। बसपा सुप्रीमो मायावती ने ऐसे किसी भी पोस्टर को पार्टी द्वारा जारी करने से साफ इनकार करते हुए इसे फर्जी बताया है। हालांकि पोस्टर को देखकर लगा था कि अपनी राजनीतिक जमीन खोती जा रही मायावती को विपक्षी एकता की जरूरत आन पड़ी है। बीएसपी यूपी का ये नया पोस्टर, इसमें मायावती और अखिलेश यादव एक साथ दिख रहे थे। ये पोस्टर बीएसपी उत्तर प्रदेश के ट्विटर अकाउंट (@BspUp2017) से शेयर किया गया था।
इस पोस्टर में लिखा था -सामाजिक न्याय की ओर एक कदम…विपक्ष का एकीकृत प्रयास.. पोस्टर में मायावती की बड़ी तस्वीर के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीर थी। इसके बाद तेजस्वी यादव, लालू यादव, शरद यादव, ममता बनर्जी और सोनिया गांधी की तस्वीर थी।
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— Bahujan Samaj Party (@BspUp2017) August 20, 2017
गौरतलब है कि बसपा सुप्रीमो मायावती के राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद से ये कयास लगाये जा रहे थे कि मायावती को आरजेडी अपने कोटे से राज्यसभा भेज सकती है। लेकिन इस बारे में मायावती ने कभी खुलकर कुछ नहीं कहा। लालू यादव ने भी कई बार कोशिश की है कि मायावती और मुलायम सिंह एक हो जाएं तो बीजेपी से मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकता को मजबूती मिलेगी। इन सभी तथ्यों के मद्देनजर पोस्टर को लेकर प्रदेश में चर्चा आम हो गयी थी।
सोमवार को बसपा के राज्य कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पोस्टर को फर्जी बताते हुए कहा है कि बसपा का कोई भी आधिकारिक ट्विटर एकाउण्ट नहीं है। इसलिए ट्विटर के माध्यम से जारी किये गये ‘‘पोस्टर’’ के सम्बंध में प्रकाशित व प्रसारित होने वाली खबरें गलत और मिथ्या प्रचार है। बीएसपी इसका खण्डन करती है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि बसपा अध्यक्ष मायावती ने बताया है कि यह पोस्टर किसी की शरारत है। कहा है कि बसपा की नीति सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय की है, जबकि पोस्टर में बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय लिखा गया है। इस पोस्टर में लिखी अन्य बातों और उनके आधार पर छपी खबरों को पार्टी ने भ्रामक करार दिया है।