नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात से पहले भारत को आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल हुई है। हिजबुल मुजाहिद्दीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन को अमेरिका ने सोमवार (26 जून) को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया है।

अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने सलाहुद्दीन अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया।साथ ही अमेरिका ने कश्मीर में हुए हिज्बुल के आतंकी हमलों का भी जिक्र किया है।पाक प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा सकता है।अब से थोड़ी ही देर में मोदी और ट्रंप की मुलाकात होनी है।ऐसे में अमेरिकी की ओर से उठाया यह कदम दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूती देने वाला साबित होगा।
सैयद सलाउद्दीन आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन का सरगना है।अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बीते साल कश्मीर में हुए आतंकी हमलों में सलाउद्दीन का हाथ था और वह कश्मीर घाटी में आतंकी फैलाने के मकसद से आतंकियों को ट्रेनिंग देता था।

सलाउद्दीन के संगठन हिज्बुल ने जम्मू कश्मीर में हुए कई आतंकी वारदातों की जिम्मेदारी ली थी। जिनमें अप्रैल 2014 के धमाके शामिल हैं, जिसमें 17 लोग घायल हुए थे।बयान में कहा गया है इन्हीं सभी वारदातों को आतंकवाद की श्रेणी में रखते हुए उसे अतंरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया गया है।

अमेरिका के इस कदम से यह साफ हो चुका है कि वह आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है।अमेरिका के इस कदम से पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है।भारत लगातार आतंकवादियों के खिलाफ पाक से सबूत देते आया है लेकिन पाकिस्तान ने अब तक किसी भी बड़े आतंकी पर कोई भी कार्रवाई नहीं की है।
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री रैक्स टिलरसन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ होने वाली पहली शिखर बैठक की जमीनी तैयारियों के सिलसिले में सोमवार (26 जून) को भारतीय नेता से मुलाकात की।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने इस मुलाकात को लेकर ट्वीट किया, ‘दोनों नेताओं के बीच मुलाकात के लिए तैयारियां हो रही हैं।विदेश मंत्री श्रीमान रैक्स डब्ल्यू टिलरसन ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की।’ टिलरसन ने होटल विलार्ड इंटरकोंटिनेंटल में मोदी से मुलाकात की जहां प्रधानमंत्री ठहरे हुए हैं।

मोदी की वॉशिंगटन यात्रा से पूर्व टिलरसन ने कहा था कि उनकी इस यात्रा से भारत-अमेरिका संबंध मजबूत होंगे और आतंकवाद से मुकाबले तथा आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के साझा हितों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

 

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