नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी में जारी अंदरूनी कलह पर एक तरह से विराम लगाने की कोशिश करते हुए सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को कहा कि सपा एकजुट है और पार्टी न टूटी है और न टूटेगी। मुलायम ने कहा कि अखिलेश यादव ही यूपी में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। मुलायम मंगलवार सुबह अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे।
समाजवादी पार्टी में टूट की बातों को खारिज करते हुए मुलायम ने कहा कि समाजवादी पार्टी के टूटने की कोई बात नहीं है। पार्टी एकजुट है। अखिलेश यादव ही पार्टी के सीएम उम्मीदवार होंगे और विधानसभा चुनाव में जीत के बाद वही मुख्यमंत्री बनेंगे। मुलायम ने कहा कि सपा जल्द ही उत्तर प्रदेश में अपना चुनाव प्रचार शुरू करेगी। सपा सुप्रीमो ने कहा कि वह सपा के उम्मीदवारों को जीताने के लिए खुद यूपी का दौरा करेंगे।
#WATCH Akhilesh Yadav will be the Chief Minister after the elections.No question of the party splitting:Mulayam Singh Yadav to ANI pic.twitter.com/Kosj5ZFwwc
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 9, 2017
साथ ही मुलायम ने राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी से आग्रह किया कि उनके चचेरे भाई रामगोपाल यादव को गत 30 दिसम्बर को पार्टी से निष्कासन किये जाने के मद्देनजर उनको उच्च सदन में पार्टी नेता पद से हटा दिया जाए।
इससे पहले मुलायम आज राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी से आग्रह किया कि रामगोपाल को पार्टी से निष्कासित किये जाने को ध्यान में रखते हुए उन्हें पिछली सीट पर स्थानांतरित किया जाए। अभी रामगोपाल सदन में अगली कतार में बसपा सुप्रीमो मायावती के पास की सीट पर बैठते हैं। वहीं रामगोपाल चुनाव आयोग पहुंचे और आग्रह किया कि वह पार्टी के विवादास्पद चिह्न ‘साइकिल’ पर जल्द निर्णय करे क्योंकि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 17 जनवरी से शुरू हो जाएगा।
इससे पहले मुलायम सिंह और उनके नजदीकी विश्वासपात्र अमर सिंह और शिवपाल चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात करने के लिए निर्वाचन सदन पहुंचे।
यद्यपि मुलायम धड़े ने कोई ताजा दस्तावेज नहीं जमा किये लेकिन दावा किया कि मुलायम अभी भी सपा अध्यक्ष हैं और उनका पार्टी एवं उसे चिह्न पर विधिक दावा है।
मुलायम ने आयोग से यह भी कहा कि अखिलेश यादव खेमे द्वारा एक जनवरी को आयोजित अधिवेशन ‘असंवैधानिक’ था, अधिवेशन आहूत करने वाले रामगोपाल यादव को 30 दिसम्बर 2016 को ही पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। मुलायम ने अपने बेटे एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले पार्टी के धड़े की ओर से जमा किये गये पार्टी नेताओं के हलफनामों को भी चुनौती दी और आरोप लगाया कि वे फर्जी हैं। उन्होंने आयोग से इन हलफनामों का सत्यापन कराने को कहा।
मुलायम ने चुनाव आयोग से यह भी कहा कि अधिवेशन में अखिलेश को पार्टी अध्यक्ष नियुक्त करने और उन्हें संरक्षक बनाने का प्रस्ताव पारित हुआ था लेकिन उन्हें पार्टी अध्यक्ष के पद से हटाने का कोई प्रस्ताव नहीं आया था।
मुलायम ने यहां स्थित अपने आवास के बाहर संवाददाताओं से कहा कि उनके और उनके पुत्र अखिलेश के बीच ‘‘कोई मतभेद नहीं’’ हैं।
उन्होंने परोक्ष रूप से रामगोपाल की ओर इशारा करते हुए कहा कि ‘एक व्यक्ति ने उनके पुत्र को प्रभावित किया है’ जिसके चलते ‘पार्टी में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।’ मुलायम ने कहा, ‘मैं (पार्टी संबद्धता एवं उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने के लिए पार्टी चिह्न से संबंधित) फार्म ‘ए’ और ‘बी’ पर हस्ताक्षर करूंगा। अब चुनाव आयोग को साइकिल चिह्न पर निर्णय करना है।’ मुलायम की इस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कि सपा में अंदरूनी कलह के पीछे ‘एक व्यक्ति’ है, रामगोपाल ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
एजेंसी