माले (मालदीव) जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने से तिलमिलाए पाकिस्तान को झटके पर झटका लग रहा है। दिलासा के दो बोल के लिए तरस रहे “आतंकिस्तान” को नेपाल ने भी इस मुद्दे पर टका सा जवाब देते हुए कहा दिया कि धारा 370 हटाया जाना भारत का अंदरूनी मामला है और उसे कश्‍मीर के मसले पर ज्‍यादा उछलने की जरूरत नहीं है।   

हिंद महासागर सम्मेलन (Indian Ocean Conference) में शामिल होने यहां आये नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने सम्मेलन से इतर कहा कि संविधान में बदलाव करना भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र का विषय है। इस बारे में किसी प्रकार की टिप्‍पणी उचित नहीं है। ग्‍यावली ने कहा कि नेपाल सरकार उस इलाके में रह रहे अपने नागरिकों को लेकर चिंतित थी लेकिन हमें अब इस बात की खुशी है कि वे बिल्‍कुल सुरक्षित हैं। अब इस बारे में कोई समस्‍या नहीं है। नेपाल को उम्‍मीद है कि भारत और पाकिस्‍तान के बीच तनाव कम होगा।

ग्यावली ने यह भी कहा कि सार्क के मौजूदा अध्‍यक्ष के तौर पर हम सभी सदस्‍य देशों से आग्रह करते हैं कि वे अपने विवादों को बातचीत के जरिए हल करें। नेपाल के विदेश मंत्री ने परोक्ष रूप से पाकिस्‍तान को नसीहत देते हुए कहा कि तनाव बढ़ाना किसी भी समस्‍या का समाधान नहीं हो सकता है। 

ग्यावली ने पाकिस्‍तानी के उन हुक्‍मरानों को भी नसीहत दी जो भारत को लगातार युद्ध की धमकियां देते फिर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि यह बताने की जरूरत नहीं कि युद्ध सबसे खराब विकल्‍प है। इससे हर देश को बचना चाहिए। ऐसे में उम्‍मीद की जानी चाहिए कि दोनों देशों के बीच तनाव कम होगा। क्षेत्र में शांति और स्थिरता को स्‍थापित करने के लिए बातचीत होगी। इसलिए उन्हें आशा है कि आशा की कुछ किरणें होंगी जो तनाव को कम कर सकती हैं और फिर क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित करने के लिए बातचीत शुरू कर सकती हैं। ने

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