वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोन वायरस संक्रमण को शुरुआत में जिस तरह हल्के में लिया उसका खामियाजा आज पूरा अमेरिका भुगत रहा है। सबसे खराब हालात अमेरिका की शान न्यूयार्क में हैं। वही न्यूयार्क जहां संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय है। अब किसी भुतहा शहर जैसा नजर आ रहे इस महानगर में हर 6 मिनट में एक व्यक्ति कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से दम तोड़ रहा है। अमेरिका में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बुधवार को चार हजार के पार पहुंच गई। देश में में हरेक ढाई मिनट में एक व्यक्ति की संक्रमण की वजह से मौत हो रही। अमेरिकी सरकार के दो शीर्ष वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी से करीब दो लाख लोगों की मौत हो सकती हैं।
हमने और आपने अब तक जिस अमेरिका को जाना है, उसे ऊपर की पंक्तियों पर शायद जल्द विश्वाव न हो पर आज की स्याह हकीकीत यही है। अब भी विश्वास ने हो तो न्यूयॉर्क शहर के प्रतिष्ठित हॉस्पिटल जकोबी मेडिकल सेंटर में तैनात एक नर्स केली कबरेरा का दर्द पढ़ लीजिये। नम आंखों के साथ भर्राई आवाज में वह कहती हैं, “कोरोना वायरस के मरीजों से जूझ रहा हमारा अस्पताल ‘सूइसाइड मिशन’ पर है। हमारे पास न तो एन95 मास्क हैं और न ही वायरस से बचाने वाले सूट। हमें 12-12 घंटे की शिफ्ट में काम करना पड़ रहा है। हमने अपनी एक साथी को हाल ही में किलर कोरोना के हाथों खो दिया है। अब यह डर सता रहा है कहीं अगर हम बीमार पड़े तो हमारी जगह कौन लेगा….।” केली कबरेरा कहती हैं, “इसी सप्ताह मरीजों का इलाज करते हुए एक नर्स कोरोना वायरस के संक्रमण में आ गई जिससे उसकी मौत हो गई।”
डेली न्यूज से बातचीत में केली ने कहा, “हमारी भी तबीयत अब खराब हो रही है। अगर हम बीमार पड़ गए तो हमारी जगह कौन लेगा।’ इतना कहते हुए केली रो पड़ीं। उन्होंने बताया कि जकोबी हॉस्पिटल के ही एक डॉक्टर को मंगलवार को कोरोना से संक्रमण के लक्षण दिखाई दिए। उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है।” केली कहती हैं, “डॉक्टर ने घर पर इंतजार किया। डॉक्टर ने वही किया जो हम अन्य मरीजों को करने को कहते हैं। वह तब तक हमारे पास नहीं आए जब तक कि उन्हें केयर की जरूरत नहीं पड़ी। वह सांस नहीं ले सकते हैं। इस तरह मरीजों को देखना कठिन होता है और जब कोई अपना इस परिस्थति में पहुंच जाए तो यह देखना और ज्यादा मुश्किलभरा होता है।”
केली ने कहा, “हम सूइसाइड मिशन पर हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाथ खून से सने हुए हैं।” मीडिया में लगातार कवरेज के बाद भी अस्पतालों में कोरोना से स्टाफ को बचाने वाले कपड़े नहीं हैं लेकिन ट्रंप पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है।
नर्स केली ने बताया कि कुछ डॉक्टर खुद ही बचाव के उपकरण खरीद रहे हैं। नर्स दान में मिली सामग्री से काम चला रही हैं। इन सबके बावजूद हेल्थ केयर वर्कर्स के संक्रमण का खतरा बना हुआ है। नर्सों को एक ही मास्क और गाउन कई-कई दिनों तक पहनना पड़ रहा है। इससे एक-दूसरे के संक्रमण का खतरा उत्पन्न हो गया है। हर बार जब हमें मरीजों के पास जाना होता है तो एन95 मास्क की जरूरत होती है लेकिन वह नहीं मिल रहा है।
अमेरिका में कोरोना वायरस से मरीजों के मौत का आंकड़ा अब चीन को भी पार कर गया है। देश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बुधवार को चार हजार के पार पहुंच गई। यह संख्या देश में 11 सितंबर (9/11) को हुए आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों की संख्या से भी अधिक है। इस बीच शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस महामारी से एक लाख से दो लाख अमेरिकी लोग मारे जा सकते हैं।
कोरोना की चपेट में आने से अमेरिका में हरेक ढाई मिनट पर एक व्यक्ति की मौत हो रही है। इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क शहर संक्रमित लोगों के मामले में किलर कोरोना वायरस के गढ़ चीन के हुबेई प्रांत से भी आगे निकल गया है। अमेरिका में अब तक 3,890 लोग मारे गए और यह आंकड़ा काफी बढ़ सकता है। अकेले न्यूयॉर्क शहर में ही हरेक 6 मिनट पर एक व्यक्ति की मौत हो रही है।
न्यूयॉर्क शहर में मरने वालों का आंकड़ा 1000 को पार कर गया है। बुधवार की रात यहां पर कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 182 बढ़ गई। न्यूयार्क शहर में 41,771 लोग कोरोना पॉजिटिव हैं। पूरा न्यूयॉर्क राज्य दुनिया में कोरोना महमारी का नया गढ़ बन गया है। यहां पर कोरोना संक्रमण के 75,795 मामले सामने आए हैं जबिक चीन के हुबई प्रांत में कोरोना से संक्रमण के 67,801 मामले सामने आए थे। न्यूयॉर्क में मरने वालों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ रही है कि लाशों को दफनाने में बेहद मुश्किल हो रही है।
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई की अगुवाई करने वाले अमेरिकी सरकार के दो शीर्ष वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी से करीब दो लाख लोगों की मौतें हो सकती हैं। व्हाइट हाउस के टास्क फोर्स के सदस्य एंथनी फौसी और डेबोराह बिरक्स ने कहा कि अमेरिका में स्कूल, रेस्तरां, सिनेमा और सभी गैर-जरूरी गतिविधियों को बंद करने वाले सोशल डिस्टेंसिंग दिशानिर्देशों के बावजूद 100,000 से 240,000 अमेरिकियों की मौत हो सकती है।
उन दोनों ने आगाह किया कि अगर कुछ नहीं किया गया तो अमेरिका में 1.5 मिलियन से 2 मिलयन तक मौत का आंकड़ा जा सकता है। बिरक्स ने एक चार्ट पेश करते हुऐ कहा कि देश में इस महामारी से एक लाख से 240000 लोगों की मौत हो सकती है। उन्होंने आगे कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग काम कर रहा है और यह असरदार है और अब तक यह शायद सबसे अच्छी रणनीति है।
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