प्रकाश नौटियाल, देहरादून: ‘आने वाला दशक उत्तराखंड का है। बीते सौ साल में जितने श्रद्धालु उत्तराखंड नहीं आए वे अगले दस सालों में आएंगे। पहले कहावत थी कि पहाड़ का पानी और उसकी जवानी पहाड़ के काम नहीं आती है। मैंने इसे बदलने की कोशिश की है। अब पहाड़ का पानी और उसकी जवानी पहाड़ के काम आएगी। हमारे साथ बाबा केदार का आशीर्वाद है। चार धाम यात्रा के रिकॉर्ड टूट रहे हैं।हम पलायन को रोकने का प्रयास कर रहे हैं।’ यह उदगार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केदारधाम में व्यक्त किए। शुक्रवार की सुबह 7.55 बजे वे धाम में पहुंचे और यहां करीब 18 मिनट तक गर्भगृह में बाबा की पूजा अर्चना व जलाभिषेक किया। फिर उन्होंने आदि गुरु शंकराचार्य की 12 फीट लंबी प्रतिमा का अनावरण किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि,
प्रधानमंत्री ने कहा कि शंकर का संस्कृत में अर्थ ‘शं करोति सः शंकरः’ यानी, जो कल्याण करे, वही शंकर है। इस व्याकरण को भी आचार्य शंकर ने प्रत्यक्ष प्रमाणित किया। उनका पूरा जीवन जितना असाधारण था, उतना ही वो जन-साधारण के कल्याण के लिए समर्पित थे। आदि शंकराचार्य का जीवन भारत और विश्व कल्याण के लिए था। आज आप श्री आदि शंकराचार्य जी की समाधि की पुन: स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। यह भारत की आध्यात्मिक समृद्धि और व्यापकता का बह़त अलौकिक दृश्य है। कहा कि जात-पात के भेदभाव से हमारा कोई सरोकार नहीं है। एक समय था जब आध्यात्म को, धर्म को केवल रूढ़ियों से जोड़कर देखा जाने लगा था लेकिन, भारतीय दर्शन तो मानव कल्याण की बात करता है, जीवन को पूर्णता के साथ समग्र तरीके
में देखता है। आदि शंकराचार्य ने समाज को इस सत्य से परिचित कराने का काम किया है।
मुझे विश्वास था, पूरी आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा केदारनाथ
उन्होंने कहा कि, दीपावली के अवसर पर कल मैं अपने सैनिकों के साथ था। आज मैं सैनिकों की भूमि पर हूं। केदारनाथ में आई त्रासदी को याद करते हुए पीएम भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि आपदा के बाद लोगों को लग रहा था कि क्या उनका केदार कभी फिर से खड़ा हो पाएगा पर, मुझे विश्वास था कि केदारनाथ पूरी आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा। मैं बारीकी से यहां के विकास कार्यों पर नजर रखता हूं।
समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने अयोध्या, काशी और मथुरा का जिक्र करते हुए कहा कि, सदियों बाद अब गौरव वापस मिल रहा है। अब देश अपने लिए बड़े लक्ष्य तय करता है। कठिन समय-सीमाएं निर्धारित करता है, तो कुछ लोग कहते हैं कि – इतने कम समय में ये सब कैसे होगा! होगा भी या नहीं होगा! तब मैं कहता हूं कि समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं है।
कोरोना टीकाकरण की पहली डोज में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करना उत्तराखंड की ताकत
कहा कि उत्तराखंड के लोगों ने कोरोना संक्रमण में साहस का परिचय दिया। कोरोना टीकाकरण की पहली डोज में शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है। ये उत्तराखंड की ताकत है, सामर्थ्य है। इसके लिए प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री धामी की प्रशंसा करते हुए कहा कि जितनी ऊंचाई पर उत्तराखंड है वह उतनी ही ऊंचाई हासिल करेगा। इसके बाद उन्होंने बाबा केदारनाथ और आदि शंकराचार्य को नमन कर ‘जय केदार बाबा’ के उद्बोधन के साथ ही अपना भाषण शुरू किया था और इसी के साथ समाप्त किया।
400 करोड़ से अधिक की पुनर्निर्माण परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास
इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने यहां पहुंचकर विकास कार्यों का जायजा लिया। बाद में पीएम ने 400 करोड़ रुपये से अधिक की पुनर्निर्माण परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
प्रधानमंत्री का उत्तराखंड प्रेम किसी से नहीं है छिपा: धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री का केदारनाथ पधारने पर हार्दिक स्वागत किया और केदारनाथ मंदिर का प्रतीकात्मक स्वरूप और शॉल भेंट किया। सीएम ने कहा कि, पीएम का हिमालय और उत्तराखंड से विशेष लगाव है। आज का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। 2013 की आपदा के समय पीएम ने उत्तराखंड की मदद के लिए हाथ बढ़ाया था। केदारनाथ का पुनर्निर्माण प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसके पहले चरण का काम पूरा हो चुका है और दूसरे चरण के कार्य हो रहे है।उत्तराखंड के प्रति प्रधानमंत्री का प्रेम किसी से छिपा नहीं है। मुख्यमंत्री ने कुमाऊं मंडल में एम्स सेटेलाइट सेंटर खोलने की अनुमति देने पर भी प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया।