RAJAN_RBIमुंबई। रिजर्व बैंक ने अपनी नीतिगत ब्याज दर (रेपो) में उम्मीद से ज्यादा 0.5% की कटौती की। उसके इस कदम से त्योहारों के मौसम के शुरू होते ही आवास, वाहन और उद्योगों के कर्ज पर ब्याज दरें कम होने की संभावना मजबूत हुई है क्योंकि केंद्रीय बैंक की घोषणा के तुरंत बाद बैंकों ने कर्ज सस्ता करना शुरू कर दिया है।

देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक अपनी आधार ब्याज दर 0.4% कम कर नीतगत दर में कमी का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने वाले कुछ पहले बैंकों में शामिल हो गया है। सार्वजनिक क्षेत्र के आंध्र बैंक ने सबसे पहले ब्याज दरों में 0.25% कटौती की घोषणा की है। निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंकों आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक ने भी ब्याज दरों में कमी लाने का संकेत दिया है। अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने और धीमी पड़ती वृद्धि को तेज करने के लिये सरकार और उद्योगों की तरफ से लगातार ब्याज दरों में कमी की मांग की जा रही थी।

रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने कैलेंडर वर्ष 2015 में चौथी बार रेपो दर में कटौती की है। रेपो दर में आधा प्रतिशत की कटौती पिछले साढ़े तीन साल में सबसे बड़ी कटौती है। मुद्रास्फीति में लगातार गिरावट, कच्चे तेल के दाम सहित अनुकूल वैश्विक परिस्थितियों के बीच यह कदम उठाया गया है। रिजर्व बैंक के इस कदम से कर्ज लेने वालों को तो फायदा होगा लेकिन इससे जमा दरों में भी कमी आयेगी। सरकार ने कहा है कि वह लघु जमा बचत योजनाओं पर ब्याज दरों की समीक्षा करेगी। इसके साथ ही पीपीएफ और डाकघर जमा योजनाओं की ब्याज दरों को भी बाजार के अनुरूप किया जायेगा।

रिजर्व बैंक की आज जारी चालू वित्त वर्ष की चौथी द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा में रेपो को 0.50% घटाकर 6.75% कर दिया गया। रेपो दर वह दर होती है जिस पर बैंक अपनी फौरी जरूरतों (एक-दो दिन) को पूरा करने के लिये रिजर्व बैंक से नकद धन देते हैं। इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर घटकर 5.75% और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर 7.75% पर समायोजित होगी। रिवर्स रेपो दर पर रिजर्व बैंक बैंकिंग तंत्र में उपलब्ध अतिरिक्त नकदी को सोखता है जबकि एमएसएफ त्वरित जरूरतों को पूरा करने की सुविधा है।

बैंकों के नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) और सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सीआरआर इस समय 4% और एसएलआर 21.5% है। राजन ने रेपो दर में कटौती को यह कहते हुये उचित ठहराया कि जनवरी 2016 तक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 5.8% के आसपास रह सकता है जो कि 6% के पहले घोषित अनुमान से कम है।

उन्होंने कहा कि अब मुद्रास्फीति को मार्च 2017 तक 5% के आसपास लाने पर ध्यान दिया जायेगा। राजन ने कहा कि रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समायोजन के संकेतों के प्रति सजग रहेगा क्योंकि यह मुद्रास्फीति को नीचे बनाये रखने के लिये जरूरी है। बहरहाल, रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को 7.6% से घटाकर 7.4% कर दिया है। सरकार और उद्योगों ने रिजर्व बैंक के इस कदम का स्वागत किया है और बैंकों से इसका लाभ कर्ज लेने वालों को देने को कहा है, ताकि देश में निवेश और आर्थिक वृद्धि को बढ़ाया जा सके।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सवांददाताओं से कहा, हम अब इस कटौती का लाभ आगे दिये जाने की उम्मीद कर रहे हैं। इससे अर्थव्यवस्था में विश्वास और निवेश प्रभावी ढ़ंग से बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे अर्थव्यवस्था की मध्यम काल की संभावित वृद्धि दर क्षमता हासिल करने में भी मदद मिलेगी।

रिजर्व बैंक मौद्रिक समीक्षा की घोषणा पर त्वरित कदम उठाते हुये स्टेट बैंक ने अपनी आधार दर 0.4% घटाकर 9.3% कर दी। इससे निम्न ब्याज दरों की दिशा में पहल और तेज हो गई। स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरंधति भट्टाचार्या ने इस फैसले की घोषणा करते हुये कहा कि बैंक विभिन्न परिपक्वता अवधि की सावधि जमाओं पर भी ब्याज दर में 0.25% कटौती करेगा।

आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर ने कहा, स्पष्ट तौर पर ब्याज दरें कम होंगी, आधार दर कम होगी। कटौती के बड़े हिस्से का लाभ आगे दिया जायेगा। जब मैं बड़े हिस्से की बात करती हूं तो इसका मतलब (रेपो दर कटौती का) आधे से ज्यादा होना चाहिये। रिजर्व बैंक इससे पहले जनवरी, मार्च और जून 2015 को तीन बार रेपो दर में 0.25% कटौती कर चुका है। आज 0.50% कटौती वर्ष की चौथी कटौती है। कुल मिलाकर अब तक 1.25% कटौती हो चुकी है। इससे पहले अप्रैल 2012 में आधा प्रतिशत कटौती की गई थी।

एक्सिस बैंक की प्रमुख शिखा शर्मा ने कहा, पहले की गई 0.75% कटौती में से करीब आधे का लाभ कर्ज लेने वालों को दिया जा चुका है, इस आधे का लाभ भी जल्द दिया जायेगा। सरकार की लघु बचत योजनाओं पर 8.7 से लेकर 9.3% तक ब्याज है। इसे देखते हुये बैंक रिजर्व बैंक की कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने में हिचकिचा रहे हैं। वह अपनी जमा दरों को सरकारी बचत योजनाओं के करीब रखना चाहते हैं।

हालांकि, आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा है, यह फैसला भी किया गया है कि सरकार लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर की समीक्षा करेगी। सचिव ने कहा कि सरकार लघु बचत योजनाओं के सभी पहलुओं की समीक्षा करेगी। रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा के बाद आज बंबई शेयर बाजार का सेंसक्स शुरू में भारी गिरावट के बाद उबरकर अंत में 161.82 अंक की बढ़त लेकर बंद हुआ।

एजेन्सी

 

error: Content is protected !!