मॉस्को। (Russian Covid Vaccine) रूस ने कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी से निजात पाने के लिए वैक्सीन विकसित करने में सफलता पा ली है। राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन ने मंगलवार को इस बात की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि इस वैक्सीन की पहली डोज जिन्हें दी गई है उनमें उनकी बेटी भी शामिल है। रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस कोरोना वायरस वैक्सीन को अपनी मंजूरी दे दी है। मॉस्को की गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने एडेनोवायरस को बेस बनाकर यह वैक्सीन तैयार की है।
राष्ट्रपति पुतिन ने बताया कि परीक्षणों में यह वैक्सीन प्रभावी साबित हुई है और यह कोरोना वायरस से इम्युनिटी विकसित करने में कारगर है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैक्सीन के लिए कई आवश्यक परीक्षण किए गए। उन्होंने आगे यह भी बताया उनकी दो बेटियों में से एक ने इस वैक्सीन का डोज लिया और उसे कोई साइड इफेक्ट नहीं है। वह बिल्कुल ठीक है। रूसी अधिकारियों ने बताया कि मेडिकल वर्करों, शिक्षकों समेत उन लोगों को सबसे पहले वैक्सीन लगाई जाएगी जिनपर संक्रमण का खतरा अधिक है।
रूस पर टकी थीं पूरी दुनिया की निगाहें
दुनिया की निगाहें कोरोना की पहली वैक्सीन के लिए रूस पर ही टिकी थीं। आखिरकार रूस अपने दावे पर खरा उतरा और दुनिया में घातक नॉवेल कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन को रजिस्टर् कराने में सफल रहा। दरअसल रूस ने दावा किया था कि वह 12 अगस्त 2020 को कोरोना वायरस की वैक्सीन को रजिस्टर करवाने जा रहा है। बीती 7 अगस्त को रूस के उप स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रूस 12 अगस्त को अपनी पहली कोरोना वैक्सीन को रजिस्टर करवाएगा।
रूस की गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट और रक्षा मंत्रालय ने साथ मिलकर इस कोरोना वैक्सीन को विकसित किया है। फिलहाल भारत और अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल जारी है।