लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर और तेज होने के साथ ही सरकार ने एहतियती उपाय भी तेज कर दिए हैं। ज्यादा संक्रमण वाले जिलों लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर नगर, वाराणसी, बरेली, आगरा, मेरठ, गाजियाबाद, गोरखपुर, सहारनपुर, झांसी और गौतमबुद्ध नगर में उपचार व्यवस्था को मजबूत करने को कहा गया है। इन सभी जिलों में विशेष सचिव स्तर के अधिकारी भेजे जाएंगे जो कोरोना महामारी से संबंधित सभी उपायों/गतिविधियों की मॉनिटरिंग करेंगे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोविड मरीजों के लिए बेड की कोई कमी नहीं है। वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह सभी जिलों के कोविड अस्पतालों में अधिक से अधिक संख्या में बेड की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर नगर, वाराणसी, आगरा, मेरठ, गाजियाबाद, गोरखपुर, सहारनपुर, बरेली, झांसी और गौतमबुद्ध नगर में उपचार व्यवस्था को मजबूत किया जाए। यहां विशेष सचिव स्तर के अधिकारी भेजे जाएं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लोक भवन में प्रदेश में कोविड-19 महामारी के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए गठित सभी समितियों के अध्यक्षों के साथ बैठक में उक्त निर्दश दिए। बैठक में अनलॉक व्यवस्था की गहन समीक्षा की गई। समीक्षा कर रहे थे। सीएम ने निर्देश दिए कि इन 12 जिलों में जरूरत के अनुसार विशेषज्ञ चिकित्सकों सहित अतिरिक्त चिकित्साकर्मियों की तैनाती की जाए। कोविड-19 के टीकाकरण का कार्य केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप संचालित करने के निर्देश देते हुए कहा कि लक्षित आयु वर्ग के अधिक से अधिक लोगों को कोविड टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जाए। सभी सरकारी कार्यालयों तथा निजी प्रतिष्ठानों में इन्फ्रारेड थर्मामीटर और सेनिटाइजर की व्यवस्था होनी चाहिए। कहीं भी भीड़ एकत्र न होने पाए। सार्वजनिक एवं मांगलिक कार्यक्रमों के लिए खुले स्थान पर 200 से अधिक तथा बंद स्थान पर 100 से अधिक लोग एकत्र न हों।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि इन्टीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को पूरी सक्रियता से संचालित किया जाए। होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमित मरीजों को नियमित रूप से मॉनिटर करते हुए उनका हालचाल लिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में निगरानी समितियां प्रभावी ढंग से कार्यशील रहें।
कोविड हेल्प डेस्क की व्यवस्था का सुचारु ढंग से हो संचालन
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड हेल्प डेस्क की व्यवस्था को सुचारु ढंग से संचालित किया जाए। इन्फ्रारेड थर्मामीटर तथा पल्स ऑक्सीमीटर का उपयोग करते हुए लक्षणयुक्त व्यक्तियों को चिन्हित किया जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि सभी सरकारी कार्यालयों एवं निजी प्रतिष्ठानों में इन्फ्रारेड थर्मामीटर और सेनिटाइजर की व्यवस्था होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कोरोना से बचाव के संबंध में लोगों को निरंतर जागरूक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए विभिन्न प्रचार माध्यमों सहित पब्लिक एड्रेस सिस्टम का व्यापक उपयोग किया जाए।