नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण होने के बाद स्वस्थ हो चुके कई लोग यह सोचकर निश्चिंत हो जाते हैं कि उनमें एंटीबॉडी डवलप हो गए हैं और उन्हें दोबारा यह संक्रमण नहीं होगा। ऐसे लोग कई बार गंभीर लापरवाही कर बैठते हैं, जबकि कई अध्ययनों में यह साफ हो चुका है तमाम लोगों को दोबारा कोरान संक्रमण हो रहा है। ताजा अध्ययन में पता चला है कि दूसरी बार कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले पीडि़तों में संक्रमण अधिक गंभीर हो सकता है और उन्हें पहले की तुलना में ज्यादा गंभीर लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है।

लैंसेट इंफेक्शस डिजीज पत्रिका में छपे अध्ययन के अनुसार, अमेरिका की नेवादा यूनिवर्सिटी के विज्ञानियों ने 48 दिन के अंदर 25 साल के एक युवक को दूसरी बार संक्रमित पाया। दूसरी बार संक्रमित होने वाले इस पीडि़त में ज्यादा गंभीर लक्षण देखने को मिले। नतीजन उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। गत अप्रैल में कोरोना से उबरने वाले इस रोगी को जून में फिर संक्रमित पाया गया। इस बार उसमें बुखार, सिरदर्द और खांसी जैसे लक्षण गंभीर रूप से उभरे थे। शोधकर्ताओं के मुताबिक, “इससे यह जाहिर होता है कि अगर आप एक बार कोरोना से ठीक हो गए हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपके शरीर में इम्यूनिटी पूरी तरह विकसित हो गई है। यह सोचना सही नहीं है। हालांकि दूसरी बार संक्रमित हुए लोगों के मामलों में गहन अध्ययन की जरूरत है। इससे रोकथाम के उपायों पर जोर दिया जा सकता।”

नेवादा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता मार्क पंडोरी ने कहा, “अब भी कई लोगों को कोरोना संक्रमण और इम्यून रिस्पांस के बारे में जानकारी नहीं है लेकिन हमारे निष्कर्षो से जाहिर होता है कि यह जरूरी नहीं कि पहली बार के संक्रमण से शरीर में पर्याप्त इम्यूनिटी विकसित हो गई हो।“ उन्होंने कहा, “कोरोना वायरस संक्रमण से उबरने वाले लोगों को बचाव के उपायों का पालन करते रहना चाहिए।”

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