वैज्ञानिकों को मुख्य रूप से दो ऐसे रसायन मिले, जिन पर 1970 के दशक में पाबंदी लगा दी गई थी। इन्हें पीओपी यानी परसिस्टेंट ऑर्गेनिक पॉल्युटैंट्स कहा जाता है। यह प्रकृति में जैविक रूप सेविघटित नहीं होते। यह तत्व कनाडा के आर्कटिक की किलर व्हेलों और पश्चिमी यूरोप की डॉल्फिनों के शरीर में भी पाए गए। पीओपी का उत्पादन 1930 से 1970 के दशक तक बड़े पैमाने पर हुआ। माना जाता है कि पीओपी के कुलउत्पादन का एक तिहाई यानि करीब 1.3 टन समुद्र में घुल चुका है। मारियाना ट्रेंच की एक ढलान को साइरेना डीप भी कहा जाता है। अमेरिकी वैज्ञानिकों को वहां बियर के कैन, टिन के डिब्बे और प्लास्टिक बैग भी मिले।
BBCसाभार
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