वैज्ञानिकों को मुख्य रूप से दो ऐसे रसायन मिले, जिन पर 1970 के दशक में पाबंदी लगा दी गई थी। इन्हें पीओपी यानी परसिस्टेंट ऑर्गेनिक पॉल्युटैंट्स कहा जाता है। यह प्रकृति में जैविक रूप सेविघटित नहीं होते। यह तत्व कनाडा के आर्कटिक की किलर व्हेलों और पश्चिमी यूरोप की डॉल्फिनों के शरीर में भी पाए गए। पीओपी का उत्पादन 1930 से 1970 के दशक तक बड़े पैमाने पर हुआ। माना जाता है कि पीओपी के कुलउत्पादन का एक तिहाई यानि करीब 1.3 टन समुद्र में घुल चुका है। मारियाना ट्रेंच की एक ढलान को साइरेना डीप भी कहा जाता है। अमेरिकी वैज्ञानिकों को वहां बियर के कैन, टिन के डिब्बे और प्लास्टिक बैग भी मिले।
BBCसाभार
Bareillylive : मानव सेवा क्लब द्वारा दीपावली के अवसर पर क्लब के कहरवान स्थित कार्यालय…
Bareillylive : प्रेम सुरेश फाउंडेशन सुरेश शर्मा नगर बरेली द्वारा सुरेश शर्मा जयंती समारोह का…
Bareillylive : बी.सी.सी.आई. के घरेलू क्रिकेट के अंतर्गत कूच बेहार ट्राफी अंडर-19 मैच बरेली में…
Bareillylive : बरेली के प्राचीनतम एवं भव्यतम बाबा त्रिवटी नाथ मंदिर में श्री अन्नकूट महोत्सव…
Bareillylive : हिंदू सेना अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने श्री चित्रगुप्त चौक…
Bareillylive : दीपावली त्योहार के पावन अवसर पर रिजर्व पुलिस लाइन बरेली में दीपोत्सव कार्यक्रम…