लखनऊ। (UP Budget Session 2021) उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान गुरुवार को विधान परिषद में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित कराने के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। इससे नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त लहजे में विपक्ष को नसीहत भी दे दी। कहा, “समाजवादी पार्टी के सदस्य ज्यादा गर्मी न दिखाएं तो बेहतर है, हमको हर भाषा में समझाना आता है।” विपक्षी सदस्‍यों के बर्ताव से मुख्यमंत्री इस कदर नाराज थे कि कह दिया, “यही वजह है कि नेता जैसा सम्मानजनक शब्द अब अपमानजनक लगने लगा है।”

विधान परिषद में समाजवादी पार्टी बहुमत में है और इसे लेकर उसके तेवर सदन में साफ नजर आए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संबोधन के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष की एक-दूसरे पर हमले और तीखी टीका-टिप्पणी के बीच में समाजवादी पार्टी के सदस्यों के सदन में शोरगुल करने तथा बेवजह टिप्पणी करने योगी आदित्यनाथ बिफर पड़े। सख्त लहजे में कहा, “समाजवादी पार्टी के सदस्य यह समझ लें, जो जिस भाषा में समझेगा, उसी में समझाया जाएगा।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा के लोग ज्यादा गर्मी ना दिखाएं। जो जिस भाषा को समझता है हम तो उसी में समझा रहे हैं। आप सभी लोग सदन में पहले अपना आचरण सुधारें। समाजवादी पार्टी के लोग पहले सुनने की आदत डालें। उन्होंने आगे कहा, “मैं सबके पेट का दर्द दूर कर दूंगा।”

कृषि कानून को लेकर किसानों के विरोध पर सपा के हंगामे के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुझे पता है कौन किस भाषा को समझता है। …सपा सरकार में किसानों से गेहूं खरीद कम हुई तो आप को चिंता नहीं हुई थी। विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष का आचरण चिंताजनक है। विधानसभा लोकतांत्रिक विचारों का केंद्र है और यहां लोकतांत्रिक तरीके से बहस होनी चाहिए। सत्ता और विपक्ष के बीच संवाद होते रहना चाहिए। हमने एससी-एसटी पर विधानसभा में विशेण चर्चा की और संविधान दिवस पर 36 घंटे लगातार सदन की कार्यवाही चली। 

 मुख्यमंत्री की टिप्पणीसे सपा के सदस्य नाराज

 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस टिप्पणी के बाद विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के सदस्य काफी नाराज हो गए। मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान सपा के सदस्यों को लेकर मुख्यमंत्री की टिप्पणी के दौरान कई शब्दों को लेकर इन सभी ने काफी नाराजगी जताई। इसके बाद विधान परिषद में विपक्ष का जोरदार हंगामा होने लगा।

कोविड प्रबंधन में कोई कमी नहीं की : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना महामारी पर कहा की सरकार ने कोविड प्रबंधन में कोई कमी नहीं की। पहले 60 टेस्ट होते थे अब 2 लाख टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं। लॉकडाउन के समय कोरोना के खिलाफ टीम वर्क से काम हुआ और श्रमिकों को पैसा और राशन किट दी गई, इस दौरान जनता के सहयोग से कोई भी भूखा नहीं रहा। कम्युनिटी किचन द्वारा सभी को भोजन उपलब्ध कराया गया। कोटा में फंसे छात्रों को उनके घर पहुंचाया। डब्ल्यूएचओ ने कोविड प्रबंधन में यूपी की तारीफ की। 26 जिलों में वेंटिलेटर नहीं थे, हमने सभी जिलो में वेंटिलेटर की व्यवस्था कराई और दो लाख के करीब आइसोलेशन बेड उपलब्ध कराए। यूपी के साथ-साथ हमने 27 राज्यों को सेनेटाइजर उपलध कराया। इस संकट की घड़ी में लोगों ने स्वेच्छा से दान किया। इस समय प्रदेश में केवल 2 हजार एक्टिव केस है। इस समय व्यापक रूप से वैक्सीनेशन का काम जारी है और सभी फ्रंट लाइन वारियर्स को वैक्सीन की डोज दी जा रही है।

संवैधानिक प्रमुख के प्रति सम्मान का भाव रखना सभी का दायित्व 

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा, “राष्ट्रपति देश का संवैधानिक प्रमुख होने के नाते एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक संस्था है। प्रदेश में राज्यपाल की भी यही भूमिका है। उनके प्रति सम्मान का भाव रखना और इस संस्था के माध्यम से लोकतांत्रिक मूल्यों को और सशक्त करना, यह हर नागरिक का दायित्व है। मैं आभारी हूं सभी माननीय सदस्यों का, जिन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण पर अपनी बातों को सदन में रखा। हम सभी का हृदय से स्वागत करते हैं।” उन्होंने कहा कि संवैधानिक प्रमुखों का सम्मान होना चाहिए। राष्ट्रपति, न्यापालिका के खिलाफ टिप्पणी नहीं होनी चाहिए।

error: Content is protected !!