नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में कई अहम फैसले लिये गए। कैबिनेट मंत्री अश्विनी वैष्णव और अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में ऑटो और ड्रोन सेक्टर के लिए 26,058 करोड़ रुपये की पीएलआई (PLI) स्कीम को मंजूरी दे दी है। साथ ही टेलीकॉम सेक्टर में कई सुधारों पर भी मुहर लगा दी गई। कैबिनेट में लिये गए फैसले के अनुसार ऑटोमोबाइल सेक्टर को 25,938 करोड़ रुपये दिये जायेंगे जबकि 120 करोड़ रुपये ड्रोन इंडस्ट्री को मिलेंगे। कैबिनेट ने टेलीकॉम सेक्टर के लिए राहत पैकेज को भी मंजूरी दे दी है। टेलीकॉम सेक्टर 9 बडे़ स्ट्रक्चरल बदलाव हुए हैं। कैबिनेट ने एजीआर की परिभाषा को युक्तिसंगत करने का फैसला किया है जिसके तहत जुर्माने को खत्म किया गया है।
अनुराग ठाकुर ने कहां कि कैबिनेट के इस फैसले से ऑटो सेक्टर में सरकारी अनुमान के मुताबिक 7.6 लाख लोगों को नौकरियां मिलेंगी। इससे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। ऑटो सेक्टर में अगले पांच साल में 47,500 करोड़ रुपये का नया निवेश आएगा।
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि टेलीकॉम सेक्टर 9 बडे़ स्ट्रक्चरल बदलाव हुए हैं। एजीआर (AGR) की परिभाषा को बदला गया है। एजीआर में पहले बहुत ज्यादा ब्याज को कम करके 2% सालाना किया गया है। इसके अलावा इस पर लगने वाली पेनल्टी को भी खत्म कर दिया गया है। इससे टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी।
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि टेलीकॉम सेक्टर में 9 बड़े संरचनात्मक सुधार किए जा रहे हैं। एजीआर की परिभाषा को बदलते हुए इससे गैर टेलीकॉम रेवेन्यू को बाहर किया जाएगा। इसके अलावा टेलीकॉम सेक्टर में ऑटोमेटिक रूट से 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को मंजूरी दे दी गई है। सारे फॉर्म को वेअरहाउसेस में है, वो डिजिटलाइज्ड होंगे। सिम लेते वक्त जितने भी कागज देने पड़ते थे वो वेअरहाउस में थे। उन्हें डिजिटलाइज्ड किए जाएंगे। KYC अब पूरी तरह ऑनलाइन होगी। सिम लेने या पोस्टपेड से प्रीपेड कराने जैसे सभी कामों के लिए अब कोई फॉर्म नहीं भरना होगा। इसके लिए डिजिटल KYC मान्य होगी।
टेलीकॉम सेक्टर को सभी बकाया के लिए चार साल का मोरेटोरियम दिया जाएगा। यानी वे अपना बकाया चार साल के लिए टाल सकते हैं। लेकिन उन्हें इस दौरान बकाया का ब्याज देना होगा। यह व्यवस्था पिछली डेट में नहीं बल्कि अब से लागू होगी।
टावर सेटअप करने का प्रॉसेस में कई विभागों के अप्रूवल लगते थे। अब सेल्फ अप्रूवल से काम चल जाएगा। अब एक ही पोर्टल DOT से अप्रूवल मिल जाएगा। लाइसेंस राज खत्म कर दिया गया है।
पीएलआई स्कीम का फायदा सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा जो रेवेन्यू और निवेश की शर्तों का पालन करेंगी। फोर व्हीलर कंपनियों को अगले 5 साल में कम से कम 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। वहीं टू और थ्री व्हीलर के लिए 2,000 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा।
इस योजना के अनुसार, सरकार कंपनियों को अतिरिक्त उत्पादन करने पर प्रोत्साहन देगी। सरकार का मकसद उनको ज्यादा निर्यात करने के लिए बढ़ावा देना है। PLI स्कीम का उद्देश्य देश में कॉम्पिटिशन का माहौल बनाने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करना है।
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