कॉमेडी किंग महमूद : सघर्षों ने बनाया बेमिसाल अभिनेता,जानिए रोचक बातें

महमूद फिल्म जगत के प्रसिद्ध हास्य अभिनेता थे। इनका पूरा नाम महमूद अली है। तीन दशक लम्बे चले उनके कॅरियर में इन्होंने 300 से ज्यादा हिन्दी फिल्मों में काम किया। महमूद का जन्म 29 सितंबर 1932, बम्बई (अब मुम्बई ) में हुआ था। महमूद मशहूर नृतक मुमताज अली के बेटे और चरित्र अभिनेत्री मीनू मुमताज अली के भाई थे। महमूद ने अभिनेत्री मीना कुमारी की बहन मधु से शादी की थी। आठ संतानों के पिता महमूद के दूसरे बेटे मकसूद लकी अली जाने-माने गायक और अभिनेता हैं।


निर्देशक के रूप में महमूद की अंतिम फिल्म थी दुश्मन दुनिया का। 1996 में बनी इस फिल्म में उन्होंने अपने बेटे मंजूर अली को पर्दे पर उतारा था। महमूद पहला ब्रेक 1958 की फिल्म परवरिश में मिला था, जिसमें उन्होंने राज कपूर के भाई की भूमिका निभाई थी। 1961 की ससुराल उनके कैरियर की अहम फिल्म थी जिसके जरिए बतौर हास्य कलाकार स्थापित होने में उन्हें मदद मिली। 60 के दशक के हास्य कलाकारों की टीम की सफल शुरुआत के लिए भी ससुराल को अहम माना जाता है क्योंकि इस फिल्म में महमूद के साथ-साथ शुभा खोटे जैसी हास्य अभिनेत्री ने भी अपनी कला के जौहर दिखाए। 1965 की फिल्म जौहर महमूद इन गोवा में उन्हें कॉमेडियन के साथ-साथ प्रमुख भूमिका निभाने का भी मौका मिला। प्यार किए जा (1966) और पड़ोसन (1968) महमूद की दो सर्वाधिक यादगार भूमिकाओं वाली फिल्में हैं। प्यार किए जा में महमूद ने एक ऐसे युवक का किरदार निभाया जो फिल्म निर्देशक बनना चाहता है और अपने बैनर वाह वाह प्रोडक्शन के लिए वह अपने पिता (ओम प्रकाश) से आर्थिक मदद की उम्मीद रखता है। वहीं पड़ोसन में दक्षिण भारतीय गायक के किरदार में भी महमूद ने दर्शकों को खूब लुभाया। अपनी बहुरंगीय किरदारों से दर्शकों को हँसाने और गंभीर भूमिका कर रूलाने वाले महमूद अभिनय के प्रति समर्पित थे।

अपने बहुमुखी अभिनय और कला के प्रति समर्पण ने उन्हें बुलंदियाँ दी और उनको फिल्मफेयर सहित कई पुरस्कारों का सम्मान मिला। उन्होंने कई फिल्मों में गीत ही नहीं गाये बल्कि फिल्मों का निर्माण और निर्देशन भी किया। जिसमें छोटे नवाब भूतबंगला, पड़ोसन, बांबे टू गोवा, दुश्मन दुनिया का, सबसे बड़ा रुपैया आदि शामिल है। जबकि विकलांगों पर बनी फिल्म कुँवारा बाप में किया गया उनका अभिनय आज भी उनकी यादों को ताजा करता है। महमूद के व्यक्तित्व में तमाम रंग थे। इनमें से एक था, नए लोगों को मौका देना। उन्होंने छोटे नवाब फिल्म में संगीतकार राहुल देव बर्मन को पहली बार मौका देकर फिल्म उद्योग को एक बेहतरीन तोहफा दिया था। इसी प्रकार महमूद ने सुपर स्टार अमिताभ बच्चन की उस समय मदद की थी, जब वह संघर्ष के दौर से गुजर रहे थे। उनके कैरियर को बल देने के लिए महमूद ने बांबे टु गोवा फिल्म बनाई थी।


अपने जीवन के आखिरी दिनों में महमूद का स्वास्थ्य खराब हो गया। वह इलाज के लिए अमेरिका गए जहाँ 23 जुलाई 2004 को उनका निधन हो गया। दुनिया को हंसाकर लोट-पोट करने वाला यह महान कलाकार नींद के आगोश में बड़ी खामोशी से इस दुनिया से विदा हो गया।

vandna

Recent Posts

वास्तु शास्त्र: मिथ या विज्ञान विषय पर कार्यशाला शनिवार को, विशेषज्ञ देंगे जानकारी

Bareillylive : एक उम्मीद संस्था द्वारा और इनरव्हील क्लब बरेली के योगदान से एक विशेष…

11 hours ago

राष्ट्रीय इंस्पायर मानक विज्ञान प्रदर्शनी में वंदना शर्मा के बनाये मॉडल ने बटोरी सुर्खिया

Bareillylive : इंस्पायर मानक योजना के अंतर्गत प्रगति मैदान नई दिल्ली में आयोजित 11 वीं…

11 hours ago

इनर व्हील क्लब मेन बरेली 311 ने किया शिक्षकों और शिक्षाविदों का सम्मान

Bareillylive : इनर व्हील क्लब मेन बरेली 311 की अध्यक्ष डॉ विनीता सिसोदिया, सचिव निरुपमा…

11 hours ago

कान्ती कपूर सरस्वती बालिका विद्या मन्दिर की छात्राओं का स्टेट प्रतियोगिता के लिए चयन

Bareillylive : मण्डलीय ताईक्वांडो प्रतियोगिता -2024 का आयोजन कान्ती कपूर सरस्वती बालिका विद्या मन्दिर इण्टर…

13 hours ago

सीएम योगी ने कई परियोजनाओं का लोकार्पण कर कहा, रामनगरी का और होगा विकास

Bareillylive : रामनगरी के विकास के लिए योगी सरकार लगातार धनवर्षा कर रही हैं। अयोध्या…

13 hours ago

एक देश एक चुनाव पर उच्च स्तरीय कमिटी की सिफ़ारिशों के बाद यह होगी प्रक्रिया

Bareillylive : एक देश एक चुनाव पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में गठित…

13 hours ago