नई दिल्ली। तीन नए कृषि कानूनों को लेकर संसद के दोनों सदनों में बहस छिड़ी हुई है। बुधवार को इसी दौरान कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू ने कहा, “ये तीनों कृषि कानून काले कानून हैं। …वे मंडियों को खत्म कर देंगे और इसके बजाय सरकार निजी मंडिया बनाएगी।” बिट्टू के इस बयान को वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने ठाकुर ने चुनौती देते हुए कहा कि “यह कृषि कानूनों में कहां लिखा है कि मंडियों को समाप्त कर दिया जाएगा। हम समझना चाहते हैं कि किस खंड के तहत आप यह कह रहे हैं।” इस पर बिट्टू ने पहले तो सवाल को टाल दिया पर बाद में कहा कि वह अपने बयान को वापस लेते हैं और संसद में झूठ नहीं बोलेंगे।

दरअसल, पक्ष से लेकर विपक्ष तक के सभी नेता अपने-अपने तर्क देकर नए कृषि कानूनों को सही और गलत ठहराने में लगे हुए हैं। इसी क्रम में कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू अपनी पार्टी का पक्ष रखने को खड़े हुए और नए कानूनों को मंडियों को खत्म कर देने वाला बताया। वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस सांसद बिट्टू के भाषण पर जल्दी से हस्तक्षेप किया और उनसे पूछा कि कृषि कानूनों में ऐसा कहां लिखा है? ठाकुर के जवाब में सांसद ने बिट्टू ने सवाल को टाल दिया और विकास दर के बारे में बात करना शुरू कर दिया। बिट्टू ने अपने आरोप को विफल करते हुए यह भी कहा कि वह अपने बयान को वापस लेते हैं और संसद में झूठ नहीं बोलेंगे।

इसके साथ ही मंगलवार को लोकसभा में बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर तीखे हमले भी किए। ठाकुर ने कहा कि कृषि बाजार समिति का दावा करके पार्टी अपने राजनीतिक लाभ के लिए किसानों को गुमराह कर रही है और कह रही है कि मंडियों को नए पारित कृषि कानूनों के लागू होने के बाद खत्म कर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि तीन नए अधिनियमित कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों की सरकार से मांग है कि इन कानूनों को निरस्त किया जाए।

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