New Delhi.अगर आप अपने फोन में दो सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए काम की खबर है। TRAI बहुत जल्द सिम कार्ड के नियमों में बड़ा बदलाव कर सकती है। कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो अगर आपने फोन में दो सिम कार्ड रखे हैं और सिर्फ एक सिम का इस्तेमाल करते हैं तो सेकंडरी सिम के लिए आपसे एक्स्ट्रा चार्ज लिया जा सकता है।
यदि आपके फोन में दो सिम कार्ड हैं तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। अब आपको मोबाइल फोन में दो सिम कार्ड रखने के लिए एक्स्ट्रा चार्ज देना पड़ सकता है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI सिम कार्ड नियमों में कुछ बदलाव कर सकती है।
TRAI की तरफ से बन सकता है नया प्लान
बताते हैं कि TRAI की तरफ से यह भी प्लान किया जा रहा है कि उन कंपनियों पर जुर्माना लगाया जाए जो कम उपयोग हो रहे फोन नंबर को अपने पास रोककर रखती हैं। मान लीलिए कि किसी व्यक्ति के पास 2 सिम कार्ड हैं और वह एक का यूज ही नहीं कर रहा। इसके बावजूद कंपनी उसे इस डर से बंद नहीं कर ही कि कहीं ग्राहक न चला जाए।
नए टेलीकॉम कानून में भी ऐसा ही प्रावधान
पिछले साल दिसंबर में पास हुए नए टेलीकॉम कानून में भी ऐसा ही प्रावधान है। इसके तहत टेलीकॉम कंपनियों से नंबरों के लिए एक तय चार्ज शुल्क जा सकता है। इसे तकनीकी भाषा में ’टेलीकॉम आइडेंटफियर्स’ कहा जाता है। ट्राई का कहना है कि मोबाइल कंपनियों पर चार्ज लगाने का यह तरीका पहले से ही कई देशों में लागू है। ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, बेल्जियम, फिनलैंड, ब्रिटेन, ग्रीस, हांगकांग, बुल्गारिया, कुवैत, नीदरलैंड्स, स्विट्जरलैंड, पोलैंड, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका और डेनमार्क आदि देशों में फोन नंबरों के लिए चार्ज लिया जाता है।
स्पेक्ट्रम की तरह फोन नम्बर की मालिक भी सरकार
किसी भी सीमित सरकारी संसाधन का सही इस्तेमाल हो, यह तय करने के लिए उसे देते समय चार्ज लगाया जा सकता है। ट्राई का कहना है कि स्पेक्ट्रम की तरह फोन नंबर की मालिक सरकार है। सरकार ही टेलीकॉम कंपनियों को लाइसेंस के दौरान सिर्फ इन नंबरों का यूज करने का हक देती है।
219 मिलियन से ज्यादा नंबर इनएक्टिव
ट्राई के आंकड़ों की मानें तो इस समय करीब 219 मिलियन से ज्यादा मोबाइल नंबर लंबे समय से एक्टिव नहीं हैं। ये सभी मोबाइल नंबर्स ब्लैक लिस्ट कैटेगरी में शामिल किए गए हैं। बता दें कि यह कुल मोबाइल नम्बरों का 19 फीसदी है जो एक गंभीर समस्या है। सरकार की तरफ से मोबाइल ऑपरेटर्स को मोबाइल नंबर की सीरीज जारी की जाती है। ट्राई की मानें तो मोबाइल नंबर एक सीमित मात्रा में मौजूद हैं और ऐसे में सही तरीके इस्तेमाल किये जाने चाहिए।
इन तीन तरह से लिया जा सकता है पैसा
ट्राई के अनुसार, सरकार मोबाइल कंपनियों से तीन तरीकों से शुल्क ले सकती है। पहला हर एक फोन नंबर के लिए एक ही बार चार्ज ले लिया जाए। दूसरा तरीका यह हो सकता है कि हर साल टेलीकॉम कंपनियों को दिए गए सभी नंबरों पर लगने वाली फीस। तीसरे तरीके में कुछ खास और याद रखने में आसान नंबर के लिए सरकार ऑक्शन प्रोसेस रख सकती है।