GSAT-7A सैटेलाइट सफलतापूर्वक लांच, 100 गीगाबाइट होगी इंटरनेट की स्पीड

देश में संचार सुविधाएं मजबूत करने के लिए इसरो अगले साल के अंत  तक उच्चप्रवाह क्षमता के चार और उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगा। इससे संचार क्रांति आने केसाथ ही भारत की सशस्त्र सेनाओं को भी नई ताकत मिलेगी।  

नई दिल्ली। भारत के बहुप्रतीक्षित उपग्रह जीसैट-7ए को बुधवार को निर्धारित समय सायं 04:10 बजे सफलतापूर्वक लांच कर दिया गया। इससे संचारव्यवस्था को और मजबूत करने में मदद मिलेगी और इंटरनेट की रफ्तार बढ़ेगी। भारतीयवायुसेना के लिए ये सेटेलाइट काफी अहम है। इससे पहलेइसरो ने बीती पांच दिसंबर को अपने अब तकके सबसे भारी-भरकम उपग्रह ‘जीसैट-11’ कोसफलतापूर्वक लॉन्च किया था। जीसैट-7ए इसरो का 35वां संचार सेटेलाइट है। 

इसरो के मुताबिक संचार सेटेलाइट जीसैट-7ए को उपग्रह प्रक्षेपण यान जीएसएलवी-एफ-11 के जरिए श्रीहरिकोटा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे स्टेशन से लांच किया गया है। इसके लिए मंगलवार को ही तैयारियां पूरी कर काउंट डाउन शुरू कर दिया गया था।

इसरो के अनुसार दिसंबर में लांच किए गए दोनों संचार सेटेलाइट देश में संचार सुविधाएं बेहतर करेंगे। इसका सबसे ज्यादा लाभ इंटरनेट यूजर्स को मिलेगा। माना जा रहा है कि इससे इंटरनेट की रफ्तार तेज होगी। जीसैट-7ए भारतीय क्षेत्र में केयू बैंड में उपयोगकर्ताओं को संचार क्षमता प्रदान करेगा। इसरो के अनुसार जीसैट-7ए सेटेलाइट मिशन की अवधि आठ साल होगी।

जीएसटी-7ए सैटेलाइट की खास बातें

-इसरो के अध्यक्ष ड़ॉ. के. सीवन ने मीडिया को बताया, “यह अत्याधुनिक सैटेलाइट है, जिसे ज़रूरतों के हिसाब से बनाया गया है। यह दूरदराज के इलाकों में भी हाथ में पकड़े जाने वाले तथा उड़ते उपकरणों से भी संपर्क कर सकता है।”

-जीएसटी-7ए सैटेलाइट जीएसटी-7 और जीएसटी-6 के साथ मिलकर उपग्रहों का एक बैड तैयार करेगा। इससे भारतीय सेना को संचार व्यवस्था में काफी मदद मलेगी।  

– इस सेटेलाइट से भारतीय वायुसेना को वह ताकत मिलेगी, जिसकी उसे बहुत ज़रूरत है। इससे इन्टीग्रेटेड एयर कमांड तथा हवाई लड़ाकों के लिए कंट्रोल सिस्टम में संचार का एक ताकतवर पहलू जुड़ जाएगा। अब तक IAF ट्रांसपॉन्डर किराये पर लिया करती थी जिसकी जासूसी करना आसान था।

-रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में विशेष ‘डिफेंस स्पेस एजेंसी’ के गठन को मंज़ूरी दी थी। ये तीनों सेनाओं की इन्टीग्रेटेड (एकीकृत) इकाई होगी। साथ ही अंतरिक्ष में मौजूद सभी भारतीय संपत्ति का इस्तेमाल सशस्त्र सेनाओं के लाभ के लिए करेगी।

 -यह ISRO का वर्ष 2018 का रिकॉर्ड 17वां मिशन है। श्रीहरिकोटा से ये 69वां रॉकेट लॉन्च किया गया है।

gajendra tripathi

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