नई दिल्ली। ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट केस में एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने ऐक्टिविस्‍ट दिशा रवि की वॉट्सऐप चैट्स रिट्रीव करने का दावा किया है। स्‍वीडन की क्‍लाइमेट ऐक्टिविस्‍ट ग्रेटा थनबर्ग और दिशा के बीच कई बार चैट हुई। इस चैट में टूलकिट का जिक्र था। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को बताया कि ग्रेटा थनबर्ग ने जब किसान आंदोलन से जुड़ी टूलकिट ट्वीट की, उसके तुरंत बाद दिशा रवि ने उसे वॉट्सऐप मैसेज किया था। इसमें दिशा ने ग्रेटा से कहा था कि इस टूलकिट को ट्वीट मत करो, क्योंकि इसमें सभी के नाम हैं।

दिल्ली पुलिस ने दिशा के बनाए एक वॉट्सऐप से एक ग्रुप के बारे में भी जानकारी मांगी है। सूत्रों के मुताबिक, इंटरनेशनल फार्मर स्ट्राइक नाम का यह ग्रुप किसानों से जुड़े गतिविधियों को जोड़ने के लिए बनाया गया था। पुलिस ने बताया कि इस ग्रुप को 6 दिसंबर, 2020 को बनाया गया और इसमें 10 सदस्य जुड़े थे। बाद में दिशा ने अपने स्मार्टफोन से सभी के नंबर डिलीट कर दिए।

ग्रेटा और दिशा के बीच हुई वॉट्सऐप चैट

ग्रेटा (9:25 pm): बहुत अच्छा होता कि ये अभी तैयार होती। मुझे इसके चलते बहुत सारी धमकियां मिलतीं। इसने तो बहुत बखेड़ा कर दिया।
दिशा: शिट… शिट
दिशा (9:25 pm): मैं ये तुम्हें भेज रही हूं।
दिशा (9:35 pm): ओके, क्या ऐसा हो सकता है कि ये टूलकिट तुम शेयर ना करो? ऐसा नहीं हो सकता कि कुछ वक्त के लिए हम लोग कुछ भी ना कहें? मैं वकीलों से बात करने जा रही हूं। मैं माफी चाहती हूं पर इसमें हम लोगों के नाम हैं। हम लोगों के खिलाफ वास्तव में अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) के तहत केस होगा।
दिशा (9:39 pm): क्या तुम ठीक हो?
ग्रेटा (9:40 pm): मुझे कुछ लिखना चाहिए।
दिशा (9:40 pm): क्या तुम मुझे 5 मिनट दे सकती हो, मैं वकीलों से बात कर रही हूं।
ग्रेटा (9:41 pm): कभी-कभी नफरत के ऐसे तूफान आते हैं और ये बहुत भयानक होते हैं।
दिशा (9:41 pm): मैं माफी मांगती हूं। हम सब परेशान हो रहे हैं क्योंकि यहां हालात बहुत खराब होते जा रहे हैं।
दिशा (9:41 pm): हम ये निश्चित करेंगे कि इस मामले में तुम्हारा नाम न आए।
दिशा (9:41 pm): हमें अभी सभी सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट करने होंगे।

देश के खिलाफ बड़ा षड्यंत्र रचने के लिए बनाया वॉट्सऐप ग्रुप

दिल्‍ली पुलिस के अनुसार, देश के खिलाफ बड़ा षड्यंत्र रचने के लिए 6 दिसंबर को वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया था। इसमें दिशा रवि, शांतनु, निकिता जैकब, एमओ धालीवाल समेत काफी लोग जोड़े गए थे। सोमवार को दिल्ली पुलिस ने दावा था कि कि टूलकिट को दिशा रवि, निकिता और शांतनु ने मिलकर तैयार किया था। इसके लिए 11 जनवरी को जूम पर मीटिंग भी हुई थी जिसमें 70 लोग शामिल हुए थे। शुरू में यह टूलकिट कुछ लोगों को ही दी गई थी, जिन्हें खालिस्तानी एजेंडे को आगे बढ़ाना था। हालांकि वह गलती से पब्लिक डोमेन में आ गई।

निकिता जैकब ने वर्चुअल मीटिंग में शामिल होने की बात कबूली

टूलकिट केस में मुंबई की वकील और एक्टिविस्ट निकिता जैकब के खिलाफ भी गैरजमानती वारंट जारी किया गया है। इसके बाद निकिता ने 26 जनवरी से पहले हुई उस वर्चुअल मीटिंग में शामिल होने की बात कबूल की जिसमें पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (PJF) के फाउंडर खलिस्तानी नेता एमओ धालीवाल, दिशा और अन्य लोग जूम ऐप के जरिए जुड़े थे। ये मीटिंग 11 जनवरी को हुई थी। इसमें 70 लोग शामिल हुए थे। दिल्ली पुलिस ने जूम ऐप से सभी की जानकारी मांगी है। पुलिस ने कहा कि ये मीटिंग PJF ने बुलाई थी, जिसका फाउंडर एमओ धालीवाल है। इसी में ग्लोबल फार्मर स्ट्राइक और ग्लोबल डे ऑफ एक्शन 26 जनवरी नाम से टूलकिट बनाने का फैसला किया गया।

टूलकिट पर निकिता जोसेफ की दलीलें

1. टूलकिट का मकसद आंदोलन की तस्वीर पेश करना

निकिता के वकील ने मुंबई के पुलिस के सामने इस मामले से जुड़े कुछ दस्तावेज पेश किए हैं। इनमें निकिता ने कहा, “टूलकिट एक्सटिंक्शन रिबेलियन NGO (XR) के भारतीय वालंटियर्स ने बनाई थी। इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसान आंदोलन की पूरी तस्वीर एक जगह पेश करना था।”

2. हमारा मकसद हिंसा भड़काना नहीं था

उसने कहा, “स्वीडन की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के साथ मैंने कोई जानकारी शेयर नहीं की है। यह टूलकिट डॉक्यूमेंट इन्फॉर्मेशनल पैक था और इसका मकसद हिंसा भड़काना नहीं था। इसके पीछे मेरा कोई राजनीतिक, धार्मिक या आर्थिक एजेंडा भी नहीं था।”

ग्रेटा थनबर्ग के टूलकिट शेयर करने के बाद मामला बढ़ा

यह मामला देश के किसानों से जुड़ा है, जो तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्लीकी सीमाओं पर 83 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। 3 फरवरी को 18 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने दो सोशल मीडिया पोस्ट लिखी थीं। पहली पोस्ट में उन्होंने किसानों का समर्थन किया था जबकि दूसरी पोस्ट में एक टूलकिट शेयर की थी। यह टूलकिट दरअसल एक गूगल डॉक्यूमेंट था। इसमें “अर्जेंट, प्रायर और ऑन ग्राउंड एक्शंस” का जिक्र था।

कानून 20 साल और 50 साल में फर्क नहीं करता : दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दिशा की गिरफ्तारी पर अपना स्टैंड क्लियर किया है। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर ने कहा कि ये गिरफ्तारी प्रक्रिया के मुताबिक ही की गई है। कानून 22 साल या 50 साल में फर्क नहीं करता। दिशा को कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उसे 5 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा गया है। यह गलत है, जब लोग कहते हैं कि गिरफ्तारी में खामियां थीं।
दिल्ली पुलिस ने 14 फरवरी को दिशा रवि को गिरफ्तार किया। 22 साल की दिशा ने क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रुप फ्राइडे फॉर फ्चूयर की भारतीय विंग 2019 में शुरू की थी। अंतरराष्ट्रीय ग्रुप की फाउंडर ग्रेटा थनबर्ग हैं। इस गिरफ्तारी पर विपक्ष और एक्टिविस्ट कम्युनिटी ने ऐतराज किया है। साथ ही किसान नेताओं ने भी दिशा की बिना शर्त रिहाई की मांग की है।

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