नई दिल्ली। गलत मीटर रीडिंग की वजह से आने वाले अनाप-शनाप बिजली बिलों से जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद है। शनिवार को लोकसभा में बजट 2020 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आने वाले समय में देशभर में प्री पेड मीटर लगेंगे। यह स्मार्ट मीटर होगा जिसकी मदद से सप्लायर और रेट चुनने का विकल्प होगा। बजट में वित्त मंत्री ने ऊर्जा क्षेत्र के लिए 22 हजार करोड़ रुपये का प्रवधान किया है।

इस योजना के तहत पुराने मीटरों को धीरे-धीरे हटाया जाएगा। प्री पेड मीटरों के जरिए बिजली कंपनी चुनने की आजादी होगी। इस योजना का ऐलान करते हुए सीतारमण ने कहा, “मैं सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से पुराने मीटर बदलकर प्री पेड स्मार्ट मीटर अगले 3 साल में लगवाने का आग्रह करती हूं।” उन्होंने बताया कि इससे उपभोक्ता अपनी सुविधा के हिसाब से कंपनी और रेट चुन सकता है। यह सबको बिजली देने की दिशा में अहम कदम है। डिस्कॉम में बदलाव के लिए 22,000 करोड़ रुपये ऊर्जा और अक्षय ऊर्जा के लिए प्रस्तावित किए जा रहे हैं।

गौरतलब है कि प्री पेड मीटर की योजना पर केंद्र सरकार काफी पहले से काम कर रही है। वर्ष 2018 में भी सरकार ने ऐसी मंशा जाहिर की थी। उसने वर्ष 2022 तक सभी पुराने मीटरों को बदलने का लक्ष्य रखा है।

क्या होता है प्री पेड मीटर


जैसा की नाम से ही साफ है, प्री पेड मीटर में उपभोक्ता को भुगतान पहले करना होगा। ठीक उसी प्रकार जैसे कि प्री पेड मोबाइन फोम नंबर,  डिश टीवी आदि को पहले रीचार्ज करना होता है फिर सुविधा मिलती है। ठीक वैसे ही अब होगा। इसकी विपरीत सामान्य मीटर में पहले बिजली खर्च करते हैं, फिर बिल आता है। उत्तर प्रदेश में कई स्थानों और दिल्ली (किराएदारों के लिए) में पहले से प्री पेड मीटर चल रहे हैं।

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