नई दिल्ली। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शुक्रवार को शाहीन बाग में करीब ढाई महीने से धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों की आलोचना करते हुए कहा कि सड़कों पर बैठे लोग आम लोगों के सामान्य जीवन में बाधा डाल रहे हैं। अपने विचार को दूसरों पर थोपना आतंकवाद का दूसरा रूप है।
आरिफ मोहम्मद खान यहां छात्र संसद को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, “आक्रामकता केवल हिंसा के रूप में नहीं आती है। यह कई रूपों में आती है। जैसे- यदि आप मेरी बात नहीं मानेंगे तो मैं सामान्य जीवन को बाधित कर दूंगा।” आरिफ मोहम्मद ने कहा कि असहमति लोकतंत्र का सार है। इसमें कोई परेशानी नहीं है। लेकिन पांच लोग विज्ञान भवन के बाहर बैठ जाएंगे और कहेंगे कि हम यहां से तब तक नहीं हटेंगे, जब तक कि यह छात्र संसद एक संकल्प नहीं ले ले जिसे हम अपनाना चाहते हैं। ऐसा करना भी आतंकवाद का दूसरा रूप है।
केरल के राज्यपाल ने कहा, “अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया है। मैं यहां से कोई बड़ा दावा नहीं करना चाहता लेकिन जिस तरह से चीजें सामान्य हो रही हैं (कश्मीर में), मुझे इस बात का संदेह नहीं है कि हम आतंकवाद को काफी हद तक खत्म कर पाएंगे।”
गौरतलब है कि आरिफ मोहम्मद खान हमेशा से इस्लाम में कट्टरता की खिलाफत करते रहे हैं। साथ ही वह कई मौकों पर अपने समाज से अलग जाकर बयान देते रहे हैं। आरिफ की पहचान एक विकासवादी नेता के रूप में रही है।