नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण की चेन ब्रेक करने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन को 17 मई 2020 तक बढ़ा दिया है। गृह मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत 4 मई से लॉकडाउन अवधि को दो सप्ताह आगे बढ़ाने के लिए आदेश शुक्रवार को जारी कर दिया। इस दौरान सार्वजनिक परिवहन जैसे रेलवे और विमान जैसी सेवाएं स्थगित रहेंगी। हालांकि, ग्रीन जोन में गृह मंत्रालय द्वारा दी गई छूट जारी रहेगी।
देशभर को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोनों में बांटा जा रहा है। ग्रीन जोन में सभी बड़ी आर्थिक गतिविधियों की छूट दे दी गई है।
ग्रीन जोन के 307 जिलों में बसें चल सकेंगी
ताजा आदेश के मुताबिक, ग्रीन जोन के 307 जिलों में बसें चल सकेंगी लेकिन बसों की क्षमता प्रतिशत से ज्यादा नहीं होगी। यानी, अगर किसी बस में 50 सीटें हैं तो उसमें 25 से ज्यादा यात्री नहीं चढ़ेंगे। इसी तरह, डीपो में भी प्रतिशत से ज्यादा कर्मचारी काम नहीं करेंगे। इन जिलों में नाई की दुकानें, सैलून समेत अन्य जरूरी सेवाओं और वस्तुएं मुहैया कराने वाले संस्थान भी 4 मई से खुल जाएंगे। सिनेमा हॉल, मॉल, जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स आदि बंद रहेंगे।
ऑरेंज जोन में बसें नहीं, कैब की अनुमति
ऑरेंज जोन में बसों के परिचालन की छूट नहीं होगी, लेकिन कैब की अनुमति होगी। कैब में ड्राइवर के साथ एक ही पैसेंजर हो सकता है। ऑरेंज जोन में इंडस्ट्रियल ऐक्टिविटीज शुरू होगी और कॉम्प्लेक्स भी खुलेंगे। रेड जोन में नई की दुकानें, सैलून आदि बंद रहेंगे। विस्तृत जानकारी गृह मंत्रालय की तरफ से दी जाएगी।
307 जिले ग्रीन जोन में
देश में कुल 739 जिले हैं, जिनमें से 307 अब भी कोरोना से अछूते हैं यानी 40 प्रतिशत से भी ज्यादा। ये 307 जिले ग्रीन जोन्स हैं। 3 मई के बाद इन जिलों में फैक्ट्रियों, दुकानों, छोटे-मोटे उद्योगों समेत ट्रांसपोर्ट और अन्य सेवाओं को भी शर्तों के साथ पूरी तरह खोलने की अनुमति दे दी गई है। गौरतलब है कि जिन जिलों में पिछले 21 दिनों से कोरोना वायरस के संक्रमण का एक भी मामला नहीं आता है, उन्हें ग्रीन जोन घोषित कर दिया जाता है। पहले यह मियाद 28 दिनों की थी जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने घटाकर 21 दिन कर दी।
129 जिले रेड जोन में
देश में 129 जिले रेड जोन्स में हैं यानी वहां कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट्स हैं। पूरी दिल्ली रेड जोन में है। मुंबई, अहमदाबाद, सूरत जैसे बड़े औद्योगिक केंद्र भी रेड जोन्स में हैं, जहां रियायतों की गुंजाइश नहीं के बराबर है।