नई दिल्ली, 3 अप्रैल। एनआइए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) के डीएसपी तंजील अहमद की बिजनौर में दो अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह पठानकोट आतंकी हमले समेत कई संवेदनशील मामलों की जांच से जुंड़े हुए थे। हमले के समय उनकीं पत्नी फरजाना खातून और बेटी जिमनिस व बेटा शाहबाज भी कार में मौजूद थे। पत्नी को भी चार गोलियां लगी हैं। उनका दिल्ली के एक अस्पताल में उपचार चल रहा है। दोनों बच्चे सुरक्षित हैं। उनके पार्थिव शरीर को हजारों नम आंखों ने विदाई दी। जय हिन्द और हिन्दुस्तान जिन्दाबाद के नारों के बीच राजकीय सम्मान के साथ उनको सुपुर्दें खाक किया गया।
जानकारी के अनुसार एनआइए अफसर तंजील अहमद भारत में आइएसआइएस की गतिविधियों इंडियन मुजाहिद्दीन के संवेदनशील केसों की जांच कर रहे थे। एयरबेस पर हुए आतंकी हमले की जांच के लिए भारत पहुंची पाकिस्तान की संयुक्त जांच टीम के लिए वह दिल्ली में लाइजनिंग अफसर के तौर पर तैनात थे।
संभव है तंजील अहमद ने पठानकोट हमले या किसी अन्य आतंकी हमले में किसी संगठन के खिलाफ कुछ खास जानकारी जुटाई हो जिसके कारण उन पर हमला हुआ हो। इसके अलावा ड्रग माफिया नेटवर्क के अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों से संबंध हैं। जिनके खिलाफ भी तंजील अहमद जांच में सक्रिय थे। इस वारदात में आतंकवाद व अपराधियों को संरक्षण देने वाले स्थानीय नेता पर भी संदेह का जताया जा रहा है। इसके अलावा बिजनौर सिमी जैसे आतंकी संगठन का गढ़ रहा है। बिजनौर बम धमाके में सिमी का हाथ बताया गया था। एनआइए इसकी भी जांच कर रही है। ऐसे में एनआईए के एक कर्मठ अफसर की हत्या के पीछे किसी बडी साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है।