नई दिल्ली। ब्रिटेन की संसद ने पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। ब्रिटिश संसद ने गिलगित-बाल्टिस्तान को भारत और जम्मू कश्मीर का अभिन्न अंग बताते हुए पाकिस्तान के कब्जे को गैरकानूनी ठहरा दिया है। ब्रिटेन ने साफ कहा कि कानूनी तौर पर गिलगित और बाल्टिस्तान पर भारत का ही अधिकार है क्योंकि पाकिस्तान ने 1947 के बाद से इस पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था।
इस मामले में ब्रिटिश संसद में एक प्रस्ताव पारित कर पाकिस्तान की कड़ी निंदा भी की गई है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान सरकार के इस फैसले के खिलाफ यह प्रस्ताव 23 मार्च को कंजरवेटिव पार्टी के नेता बॉब ब्लैकमेन ने रखा था। उन्होंने सदन में कहा कि यह क्षेत्र विवादित है और जिस हिस्से को पाकिस्तान पांचवां सूबा बनाने की बात कर रहा है उस पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा किया हुआ है। उन्होंने साफतौर पर इसको भारत का अभिन्न अंग बताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि यहां के लोगों को बोलने की आजादी के साथ-साथ कई मूलभूत अधिकार भी नहीं मिले हुए हैं।
सदन में प्रस्ताव पर बोलते हुए बॉब का कहना था कि यदि पाकिस्तान अपने फैसले पर आगे बढ़ता है तो यह क्षेत्र में जनसांख्यिकी में बदलाव करने वाला होगा। उन्होंने इस क्षेत्र में सीपीईसी के हो रहे अवैध निर्माण को लेकर भी पाकिस्तान सरकार की कड़ी आलोचना की।
1947 में ब्रिटेन से मिली आजादी के साथ हुए बंटवारे के वक्त से ही भारत गिलगित-बाल्टिस्तान को ऐतिहासिक और भूगोलीय आधारों पर अपना बताता आया है।
उस वक्त ब्रिटिश राज्य की सीमाओं के मुताबिक ही भारत और पाकिस्तान के विभाजन की शर्तें तय की गई थीं। ऐसे में ब्रिटिश संसद में पारित यह प्रस्ताव भारतीय पक्ष के हिसाब से काफी सकारात्मक है।
बॉब ब्लैकमैन ने इस क्षेत्र में सीपीईसी के हो रहे अवैध निर्माण को लेकर भी पाकिस्तान सरकार की कड़ी आलोचना की है। इस बीच चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि चीन सीपीईसी से वहां के स्थानीय लोगों को मिलने वाले फायदे पर पाकिस्तान से बात कर आगे बढ़ने को पूरी तरह से तैयार है।
इस क्षेत्र में पाकिस्तान और चीन के सहयोग से बन रहे इस आर्थिक कॉरिडोर पर 51.5 बिलियन डॉलर की राशि खर्च हो रही है। इस कॉरिडोर को बनाने के पीछे पाकिस्तान के काशगर को चीन के शीजियांग से सीधा जोड़ना है।