कोलकाता। PM नरेंद्र मोदी के आध्यात्मिक गुरु एवं रामकृष्ण मठ और मिशन के अध्यक्ष स्वामी आत्मस्थानंद महाराज का 99 वर्ष की अवस्था में रविवार शाम लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनका फरवरी 2015 से ही आयु संबंधी बीमारियों का इलाज चल रहा था। शनिवार सुबह से उनकी हालत काफी बिगड़ गई थी और उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था। उनका डायलिसिस चल रहा था। वह दक्षिण कोलकाता स्थित रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान में भर्ती थे, जहां शाम साढे पांच बजे उनका निधन हो गया।

पीएम ने ‘व्यक्तिगत नुकसान’ बताया
एक बयान में कहा गया है कि उनका अंतिम संस्कार सोमवार रात साढ़े नौ बजे बेलूर मठ में किया जाएगा। मठ के द्वार उनके अंतिम संस्कार तक खुले रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए इसे ‘व्यक्तिगत नुकसान’ बताया है| मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि मैं अपनी जिंदगी के महत्वूपर्ण क्षण में उनके साथ रहा था।
युवावस्था में बेलूर मठ गए थे मोदी
मोदी अपनी युवावस्था में संन्यासी बनने के लिए बेलूर मठ गए थे लेकिन उनके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया गया था और कहा गया था कि उनकी कहीं अन्य स्थान पर जरूरत है। बाद में उन्हें राजकोट, गुजरात में स्वामी आत्मास्थानंद का आध्यात्मिक मार्गदर्शन मिला।
ममता बनर्जी ने शोक जताया
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वामी आत्मस्थानंद महाराज के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उनकी खराब स्थिति की खबर पाकर मुख्यमंत्री उन्हें देखने अस्पताल पहुंची थीं।
मेडिकल बोर्ड में 16 डॉक्टर थे
उनके इलाज के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था, जिसमें 16 डॉक्टर शामिल थे| मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर ट्विटर पर अपने शोक संदेश में कहा-‘स्वामी आत्मस्थानंद महाराज का निधन मानवता के लिए क्षति है| उन्होंने अपना सारा जीवन सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों को समर्पित कर दिया|’

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