नयी दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में बुधवार दोपहर भूकंप के झटके महसूस किये गये। मौसम विभाग के मुताबिक अफगानिस्तान का हिंदूकुश पर्वत इलाका इसका केंद्र रहा। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.2 मापी गई। दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में मौसम विभाग के मुताबिक दोपहर 12ः36 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किये गये। हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में भूकंप के तेज झटके महसूस किये गये। कई जगह पर लोग घबराहट में घर के बाहर निकल आये। फिलहाल जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। बता दें कि कुछ समय पहले भी दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थ।. उस वक्त उत्तराखंड-नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में इसका केंद्र था।
इससे पहले 20 जनवरी को असम में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इनकी तीव्रता 5.2 दर्ज की गयी थी। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक किसी के हताहत होने या कोई नुकसान होने की खबर नहीं है। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि भूकंप सुबह 6.45 बजे धरती के नीचे 10 किलोमीटर की गहराई में आया। भूकंप का केंद्र कोकराझार जिले के पास था. इससे पहले जनवरी माह में ठाणे और इसके आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किये गये।
भूकंप आने पर क्या करना चाहिए?
भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से बचाव मुश्किल है और इसे टाला नहीं जा सकता है, लेकिन कुछ समझदारी का इस्तेमाल कर इस कुदरती कहर से अपना बचाव कर सकते हैं।
– भूकंप के दौरान आपको लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए ।
– बाहर जाने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
– कहीं फंस गए हों तो दौड़ें नहीं. इससे भूकंप का ज्यादा असर होगा।
-अगर आप गाड़ी या कोई भी वाहन चला रहे हो तो उसे फौरन रोक दें।
– वाहन चला रहे हैं तो बिल्डिंग, होर्डिंग्स, खंभों, फ्लाईओवर, पुल से दूर सड़क के किनारे गाड़ी रोक लें।
-भूकंप आने पर तुरंत सुरक्षित और खुले मैदान में जाएं. बड़ी इमारतों, पेड़ों, बिजली के खंभों से दूर रहें।
– भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे, ऊपर रखे भारी सामान से दूर हट जाएं ताकि इनके गिरने से चोट न लगे।
– टेबल, बेड, डेस्क जैसे मजबूत फर्नीचर के नीचे छिप जाएं।
– किसी मजबूत दीवार, खंभे से सटकर सिर, हाथ आदि को किसी मजबूत चीज से ढककर बैठ जाएं।