कानपुर ।एक मुस्लिम डॉक्टर को अपने अंगदान की घोषणा करना उसी के लिए परेशानी का कारण बन गया है। उसके इस कदम से खफा इस्लामिक धर्मगुरुओं ने उसके खिलाफ फतवा भी जारी किया है। उसकी नेक-नियत के लिए ना केवल मुस्लिम समाज उससे खफा हो गया है, बल्कि डॉक्टर को धमकियां भी मिल रही हैं। डॉक्टर ने इस बारे में पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई है।
कानपुर के रहने वाले अरशद मंसूरी ने समाज के हित के लिए अपना सामाजिक दायित्व निभाते हुए अपना अंगदान करने की घोषणा की। उधर, फतवा जारी करने वाले इमाम ने कहा कि अंगदान करना उनके धर्म के खिलाफ है।
मेडिकल के छात्रों को शोध के लिए किया अंगदान
अपना सामाजिक दायित्व निभाते हुए कानपुर के रहने वाले अरशद मंसूरी ने अपना अंगदान करने की घोषणा की। इससे पहले उन्होंने अपनी आंखें दान करने की बात कही थी। अरशद मंसूरी एक निजी मेडिकल कॉलेज में जनरल मैनेजर हैं।मेडिकल के छात्रों को शोध के लिए उन्होंने अपना शरीर दान करने की घोषणा की।लेकिन अरशद के इन फैसलों का मुस्लिम जगत ने विरोध किया है।
मिल रही हैं धमकियां,नहीं की पुलिस ने कोई कार्रवाई
कानपुर की एक इस्लामी तनजीम ने फतवा जारी करके अंगदान को नाजायज और गुनाह ठहराया है। अरशद ने बताया कि फतवे में समाज को उनका बहिष्कार करने की बात कही गई है। उन्होंने बताया कि मानवता की सेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म है।अरशद ने बताया कि इस फतवे के बाद उन्हें फोन पर धमकियां मिल रही हैं।इस बारे में उन्होंने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
Fatwa also urges people to boycott me from the society. In my opinion maulanas are fake. To serve mankind is the biggest religious duty. I have been getting threatening calls from unknown numbers. When I complained to #Kanpur police they did not take any action: Arshad Mansuri pic.twitter.com/tIBEp4RhwX
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 16, 2018
इंसान का जिस्म अल्लाह की अमानत है :इमाम
यहां के जामियतुल अरबिया अहसनुल मदारिस के मुफ्ती मोहम्मद हुसैन कादरी बरकाती ने फतवे में कहा है कि इंसान का जिस्म अल्लाह की अमानत है। उसका बंदा अपने किसी भी अंग का मालिक नहीं होता। वह सिर्फ उसका ख्याल रख सकता है।
He asked me how is organ donation considered in Islam, I replied that it's banned. Someone who doesn't follow what Allah has said, then there're doubts on him being a Muslim. He could be a man who has just kept a Muslim name & is trying to defame Muslims: Maulana Hanif Barkati pic.twitter.com/Z8haT27eFs
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 16, 2018
फतवे में कहा गया है कि शरीयत के मुताबिक किसी इंसान को अपने शरीर के किसी भी अंग को दान करने का हक नहीं होता, लिहाजा शख्स के मरने के बाद अपने अंगों का दान करने की वसीयत हरगिज जायज नहीं है। ऐसा करने वाला शख्स गुनहगार होगा। मुफ्ती ने अपने फतवे के समर्थन में पूर्व में जारी ऐसे कई फतवों का हवाला दिया है।मुफ्ती मोहम्मद हुसैन कादरी बरकाती ने कहा कि अल्लाह के मुताबिक, इज्जत के साथ मुसलमान के मृत शरीर को सुपुर्दे-ए-ख़ाक करना चाहिए।