अमृतसर रेल हादसाअमृतसर। रेल हादसों को लेकर अब प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। जौड़ा फाटक के पास स्थित धोबी घाट की क्षमता दो हजार लोगों की है, लेकिन पुलिस कमिश्नर एसएस श्रीवास्तव ने मदान परिवार को 20 हजार लोगों की मंजूरी दे दी। पुलिस के अलावा किसी अन्य विभाग से मंजूरी नहीं ली गई। रेलवे के अलावा निगम से भी इसकी मंजूरी लेना मुनासिब नहीं समझा गया।

पुलिस कमिश्नर एसएस श्रीवास्तव का कहना है कि उन्होंने धोबी घाट ग्राउंड पर दशहरा उत्सव के लिए मंजूरी दी थी, लेकिन आयोजकों ने इसकी मंजूरी निगम से नहीं ली। दशहरे का आयोजन मिठू मदान द्वारा किया गया था, जिसकी मां विजय मदान इस इलाके की पार्षद हैं। डीसी केएस संघा ने कहा कि जिस ग्राउंड पर रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया गया, वह निगम का है। अमृतसर निगम कमिश्नर सोनाली गिरी ने बताया कि निगम से कोई मंजूरी नहीं ली गई थी।

15 अक्तूबर को दशहरा कमेटी के प्रधान सौरव मदान की तरफ से डीसीपी अमृतसर को पत्र लिखा गया कि उनकी तरफ से धोबी घाट में दशहरा करवाया जा रहा है। वहां पर निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू आ रहे हैं, इसलिए सुरक्षा का इंतजाम किया जाए। डीसीपी ने इसको आगे सांझ केंद्र को भेज दिया।

इसके बाद 17 अक्तूबर को मोहकमपुरा के एसएचओ दलजीत सिंह ने मंजूरी पत्र जारी कर दिया कि दशहरे में 20 हजार लोगों के आने की संभावना है। हाईकोर्ट के आदेशों के मुताबिक, ध्वनि प्रदूषण नहीं किया जाएगा। इसलिए सौरभ मदान को मंजूरी दी जाती है और उनके दशहरा मनाने को लेकर कोई ऐतराज नहीं है। इसके बाद पुलिस ने अपनी मंजूरी दे दी। हालांकि वहां पर जाकर किसी ने वास्तविकता जानने की कोशिश नहीं की कि आखिर मैदान में 20 हजार लोग आएंगे कैसे। मैदान की क्षमता तो दो हजार से अधिक नहीं है।

अमरउजाला से साभार
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