विहिप ने प्रयागराज में होनेवाले धर्म संसद की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसमें आयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मुद्दा गरमाने की तैयारी शुरू हो गई है।
लखनऊ। अयोध्य़ा में राम मंदिर का मुद्दा अब अधिक जोर-शोर से उठाया जाएगा। इसके लिए रणनीति तैयार की जा रही है। प्रयागराज में 31 जनवरी से एक फरवरी तक चलने वाली धर्म संसद में मंदिर मुद्दे पर निर्णायक फैसला होने की बात कही जा रही है। इस धर्म संसद में करीब पांच हजार साधु-संतों के शामिल होने की उम्मीद है जो राम मंदिर को लेकर अहम निर्णय ले सकते हैं। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह धर्मसंसद काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
विश्व हिंदू परिषद (VHP ) ने धर्म संसद की तैयारियां शुरू कर दी हैं। उपाध्यक्ष चंपत राय, केंद्रीय मार्ग दर्शक मंडल के संयोजक वीवेश्वर मिश्र, धमार्चार्य संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी, राजेंद्र सिंह पंकज व अन्य पदाधिकारी धर्म संसद में आमंत्रित करने के लिए साधु-संतों सें संपर्क कर रहे हैं।
विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा के अनुसार, 29 जनवरी से राम मंदिर की सुनवाई शुरू हो जाएगी। इसके मद्देनजर 31 जनवरी की तिथि साधु-संतों ने तय की है। इस बार राम मंदिर का मुद्दा ही प्रमुख रहेगा। शर्मा ने कहा कि संत-महात्मा संकल्प सभाओं के माध्यम से सरकार को कई बार आगाह कर चुके हैं। केंद्र में अपनी सरकार है। संसद में कानून बनाकर राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया की शुरुआत की जानी चाहिए.
गौरतलब है कि धर्म संसद में जो प्रस्ताव पारित होता है वह काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। धर्म संसद के माध्यम से सरकारों से बातचीत की जाती है।