नई दिल्ली, 28 जनवरी। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत विकसित किये जाने वाले पहले 20 शहरों की घोषणा आज (गुरुवार को) हो गई। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहले साल विकसित किये जाने वाले सभी स्मार्ट शहरों के नाम घोषित किये हैं। घोषित नामो में पांच विभिन्न प्रदेशों की राजधानियां हैं। मध्य प्रदेश के सर्वाधिक तीन शहरों इंदौर, भोपाल और जबलपुर को भी पहले चरण में शामिल किया गया है, जबकि उत्तर प्रदेश और बिहार से एक भी शहर नहीं है। परियोजना के तहत कुल सौ शहरों को स्मार्ट बनाया जाना है, हालांकि अभी जम्मू-कश्मीर समेत तीन शहरों के बारे में कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है।
पहले चरण में चयनित हुए 20 शहरों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘मैं स्मार्ट सिटी चैलेंज के विजेताओं को बधाई देता हूं। आगे बढ़ने और योजना के क्रियान्वयन के लिये मेरी शुभकामनाएं।’
ये हैं पहले चरण के 20 स्मार्ट शहर
- भुवनेश्वर (ओडिशा)
- पुणे (महाराष्ट्र)
- जयपुर (राजस्थान)
- सूरत (गुजरात)
- कोच्चि (केरल)
- अहमदाबाद (गुजरात)
- जबलपुर (मध्य प्रदेश)
- विशाखापटनम
- सोलापुर (महाराष्ट्र)
- धवनगिरि (कर्नाटक)
- इंदौर (मध्य प्रदेश)
- नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी)
- कोयंबटूर (तमिलनाडु)
- काकीनाडा (आंध्रप्रदेश)
- बेलगाम (कर्नाटका)
- उदयपुर (राजस्थान
- गुवाहाटी (असम)
- चेन्नई (तमिलनाडु)
- लुधियाना (पंजाब)
- भोपाल (मध्य प्रदेश)
दिल्ली से कुछ भी तय नहीं हुआ
योजना के तहत 5 सालों में शहरों को विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर और अच्छा वातावरण देने के लिए तीन लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में नायडू ने कहा कि कुछ भी दिल्ली से तय नहीं किया गया है, जो कुछ हो रहा है वह शहरी स्तर पर स्थानीय संस्थाओं द्वारा होना है। दुनिया में संभवत: यह पहली बार है कि निवेश के आधार पर शहरों के चुनाव हो रहा है।
40 और शहरों की होगी घोषणा
डिफेंस कॉलेज में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक अध्ययन’ पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते समय ये घोषणा की। कार्यक्रम में विदेशी अफसरों, तीनों सेनाओं और सिविल सर्विस के करीब 100 से ज्यादा लोगों ने भाग लिया था। नायडू के मुताबिक आगामी वर्षों में सरकार 40 ऐसे शहरों की घोषणा करेगी। सभी शहरों में प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी योजना के तहत विकास कार्य करवाए जाएंगे।
ऐसे होंगे स्मार्ट शहर
परियोजना के तहत स्मार्ट बनाए जा रहे शहरों में बिजली-पानी की आपूर्ति, सफाई और ठोस कचरा प्रबंधन, समुचित शहरी आवागमन, सार्वजनिक परिवहन, सूचना-प्रौद्योगिकी की कनेक्टिविटी, ई-गवर्नेंस, बुनियादी सुविधाएं और नागरिक सहभागिता पर खास ध्यान दिया जाएगा।