नयी दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ‘भारतीय राजनीति का स्वयंभू मुख्य न्यायाधीश’ करार देते हुए भाजपा ने सोमवार को आरोप लगाया कि उन्होंने रिश्वतखोरी वाली अपनी टिप्पणी से चुनाव आयोग और मतदान प्रक्रिया की विश्वसनीयता कम की है।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘केजरीवाल ‘विषम’ दिनों में दिल्ली के, ‘सम’ दिनों में पंजाब के और अवकाश के दिनों में गोवा के मुख्यमंत्री रहना चाहते हैं। लेकिन एक ही साथ तीनों राज्यों का मुख्यमंत्री बनने का उनका सपना जब टूट गया है, तो वह हताश हैं और यह सब कह रहे हैं।’ आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो ने इस महीने की शुरुआत में गोवा की एक चुनावी रैली में यह बयान देकर विवाद पैदा कर दिया था कि लोग राजनीतिक पार्टियों की ओर से दिए जाने वाले पैसे स्वीकार कर लें, लेकिन वोट सिर्फ ‘आप’ को दें।

पात्रा ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केजरीवाल भ्रष्टाचार के लिए लोगों को उकसा रहे हैं जबकि उनकी पूरी राजनीति ही भ्रष्टाचार के खिलाफ आधारित रही है। उन्होंने कहा, ‘केजरीवाल भारतीय राजनीति के स्वयंभू मुख्य न्यायाधीश हैं, जिनके यहां भ्रष्ट मंत्रियों की एक संविधान पीठ भी है, और उन्होंने बार-बार रिश्वतखोरी वाली टिप्पणी दोहराई है। ऐसा करके वह न सिर्फ चुनाव आयोग बल्कि समूची मतदान प्रक्रिया की विश्वसनीयता को कम कर रहे हैं।’ चुनाव आयोग ने गोवा में केजरीवाल की ओर से दिए गए विवादित बयान के लिए उन्हें फटकार लगाते हुए कहा था कि उनकी टिप्पणी रिश्वतखोरी के चुनावी अपराध के लिए उकसाने और उसे बढ़ावा देने के बराबर है।

 लेकिन चुनाव आयोग के नोटिस के बाद भी केजरीवाल ने कथित तौर पर रिश्वतखोरी वाली अपनी टिप्पणी दोहराई है।

इस बीच, आज आयोग को लिखे गए एक पत्र में केजरीवाल ने दावा किया कि उनकी टिप्पणी का मकसद भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना था। उन्होंने आयोग से अपने आदेश की समीक्षा करने का अनुरोध भी किया ताकि वह विवादित टिप्पणी फिर दोहरा सकें।

भाषा

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