नई दिल्ली। फ्रांस से लंबी उड़ान के बाद राफेल विमानों के पहले जत्थे की बुधवार को अंबाला एयरबेस पर सुरक्षित लैंडिंग हो गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए वायुसेना को इसके लिए बधाई दी। साथ ही कहा कि अब देश के दुश्मनों को सोचना होगा। राजनाथ सिंह ने आगे कहा, “विमान अंबाला में सुरक्षित लैंड कर गए हैं। सैन्य इतिहास में भारत एक नया युग शुरू कर रहा है।”
भारतीय वायुसेना ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर राफेल की तस्वीरों को भी शेयर किया। वायुसेना ने अपने ट्वीट में लिखा, “गोल्डेन एरो का स्वागत है। राफेल विमानों का सुखोई ने स्वागत किया।” बता दें कि राफेल विमानों के बेड़े को वायु सेना ने “गोल्डेन एरो” नाम दिया है।
भारत ने वायुसेना के लिए 36 राफेल विमान खरीदने के लिए चार साल पहले फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़ रुपये का करार किया था। फ्रांस के बंदरगाह शहर बोर्डेऑस्क के वायुसेना अड्डे से रवाना हुए ये विमान लगभग सात हजार किलोमीटर का सफर तय करके बुधवार को अपराह्न अंबाला वासुसेना अड्डे पर पहुंच गए। इन विमानों ने बीच में केवल संयुक्त अरब अमीरात में लैंडिंग की थी। भारत को यह अत्याधुनिक विमान ऐसे समय में मिल रहे हैं, जब उसका पूर्वी लद्दाख में सीमा के मुद्दे पर चीन के साथ गतिरोध चल रहा है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 10 विमानों की आपूर्ति समय पर पूरी हो गई है। इनमें से पांच विमान प्रशिक्षण मिशन के लिए फ्रांस में ही रुकेंगे। सभी 36 विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक पूरी हो जाएगी। वायुसेना को पहला राफेल विमान पिछले साल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की फ्रांस यात्रा के दौरान सौंपा गया था। भारत और फ्रांस के सरकारों के बीच हुई यह रक्षा खरीद सामरिक साझेदारी का एक शक्तिशाली प्रतीक भी मानी जा रही है।
सूत्रों की मानें तो राफेल को भारतीय वायुसेना में शामिल करने को लेकर औपचारिक समारोह का आयोजन 20 अगस्त को किया जा सकता है।