मथुरा। अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के एक साल के अंदर ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा का मामला अदालत में पहुंच गया है। श्रीकृष्ण विराजमान ने मथुरा की अदालत में 13.37 एकड़ भूमि को लेकर सिविल मुकदमा दायर किया है। इसके साथ ही बगल से शाही ईदगाह मस्जिद हटाने की मांग की गई है।
यह सिविल सूट सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन के साथ भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की सखा रंजना अग्निहोत्री व अन्य ने दायर किया है। इनकी याचिका में जमीन को लेकर 1968 के समझौते को गलत बताया गया है। इस याचिका के माध्यम से 13.37 एकड़ की कृष्ण जन्मभूमि का स्वामित्व मांगा गया है जिस पर मुगल काल में कब्जा कर शाही ईदगाह बना दी गई थी। याचिका में शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की भी मांग की गई है।
इसमें साफ किया गया कि वादी कटरा केशव देव केवट, मौजा मथुरा बाजार के श्रीकृष्ण विराजमान हैं। वकील हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन के मुताबिक, यह मुकदमा मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति के अतिक्रमण को हटाने के लिए दायर किया गया है। वहीं दूसरी ओर मुकदमे में एक बड़ी रुकावट प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 है। इस एक्ट के मुताबिक आजादी के समय 15 अगस्त 1947 को जो धार्मिक स्थल जिस संप्रदाय का था, उसी का रहेगा। इस एक्ट के तहत श्रीराम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को छूट दी गई थी।
विष्णु शंकर जैन के साथ ही रंजना अग्निहोत्री आयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि वाले मामले से भी जुड़े हैं।
आपको याद होगा कि कुछ दिन पहले प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में साधु-संतों ने कृष्ण जन्मभूमि मथुरा और काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर चर्चा हुई थी। अखाड़ा परिषद ने मथुरा की ईदगाह मस्जिद तथा काशी की ज्ञानवापी मस्जिद को हटाने को अपने एजेंडा में शामिल किया है। संतों ने काशी-मथुरा के लिए लामबंदी शुरू भी कर दी है। मथुरा में जिस भूमि पर ईदगाह मस्जिद है, उस भूमि को श्रीकृष्ण जन्मभूमि कहा जाता है।