लखनऊ। सरकारी काम में उदासीनता और अनियमितता के आरोपों में बहराइच और वाराणसी के उपायुक्त स्वतः रोजगार को निलंबित कर दिया गया है। दोनों अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच भी होगी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बुधवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी।
वर्तमान में उपायुक्त स्वतः रोजगार के पद पर बहराइच में पदस्थ सुरेन्द्र कुमार गुप्ता पर आरोप है कि हारदोई के ब्लॉक अहिरोरी में खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) रहते हुए उन्होंने खाड़ाखेड़ा गांव के आंगनबाड़ी केंद्र के स्थलीय विवाद होने के स्थिति में न तो कोई कार्य कराया और न ही किसी फर्म से किसी भी निर्माण सामग्री की आपूर्ति ली। मापाकंन भी नहीं कराया गया। इसके बावजूद भुगतान किया गया। इस प्रकार गुप्ता ने न केवल प्रक्रियात्मक त्रुटि की, बल्कि शासकीय धन का अनियमित तरीके से भुगतान भी किया।
उपायुक्त स्वतः रोजगार, वाराणसी सुरेश चन्द्र केसरवानी पर राज्य ग्रामीण आजिविका मिशन के कार्यों में शिथिलता बरतने का आरोप हैं। उनके खिलाफ अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ अशोभनीय भाषा का प्रयोग और उन्हें धमकाने की शिकायतें भी मिली हैं। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) वाराणसी द्वारा उनके कार्यालय का निरीक्षण करने पर पत्रावलियों के निस्तारण एवं वित्तीय अनियमितता संबंधी शिकायतें सामने आई थीं। केसरवानी की उदासीनता के कारण दिसंबर 2019 तक के लक्ष्य के सापेक्ष मासिक प्रगति की पूर्ति नहीं की जा सकी। जून 2019 में उन्हें विकास खंड हरहुआ का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया था, जिसके निर्वहन में भी उन्होंने लगातार उदासीनता बरती। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने केसरवानी को निलंबित कर उनके विरुद्ध विभागीय जांच कराने का आदेश दिया है।