लखनऊ। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की तैयारियां के बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने शुक्रवार को यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि देशभर में संपर्क अभियान चलाकर लोगों को राम जन्मभूमि के इतिहास के बारे में बताया जाएगा। इस अभियान के तहत 50 करोड़ लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य है। इस काम में करीब 3-4 लाख कार्यकर्ता लगेंगे। मंदिर निर्माण से लोगों के स्वेच्छा से जुड़ने का यह अभियान मकर संक्रांति से शुरू होकर माघ पूर्णिमा तक पूरा होगा।

चंपत राय ने कहा कि देश की कम से कम आधी आबादी को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की ऐतिहासिक सच्चाई से अवगत कराने के लिए देश के प्रत्येक कोने में घर-घर जाकर संपर्क किया जाएगा। लोगों को राम जन्मभूमि के बारे में साहित्य भी दिया जाएगा।

चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर गौरव और अस्मिता का मंदिर है। देश गुलामी की निशानियों को हराना चाहता है। हमारी आने वाली पीढ़ियां गुलामी की यादों को न देखें, ये हमारी कोशिश है।

चंपत राय ने बताया कि पहले इस मंदिर को छोटा-सा बनाने के बारे में सोचा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 70 एकड़ जमीन ट्रस्ट के नाम कर दी तो अब इसे बड़ा रूप दिया जा रहा है। तीन मंजिला मंदिर की लंबाई 360 फीट, चौड़ाई 265 फीट रहेगी, जबकि भूतल से शिखर की ऊंचाई 161 फीट होगी। पूरा मंदिर पत्थरों से बनेगा। कुल चार लाख क्यूबिक पत्थर लगेगा। उन्होंने बताया कि सन् 1990 से ही मंदिर निर्माण की तैयारी थी, ऐसे में 70 से 75 हजार क्यूबिक पत्थर हमारे पास रखा है।

चंपत राय ने बताया, “तीन वर्ष में मंदिर निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। मंदिर के वास्तु का दायित्व अहमदाबाद के चंद्रकान्त सोमपुरा को दिया गया है, जबकि लार्सन एंड टुब्रो कम्पनी को मंदिर निर्माण का कार्य दिया गया है। निर्माता कंपनी के सलाहकार के रूप में ट्रस्ट ने टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स को चुना है।”

ट्रस्ट के महामंत्री ने कहा कि जमीन के नीचे 200 फुट तक भुरभुरी बालू पाई गई है और गर्भगृह के पश्चिम में कुछ दूरी पर ही सरयू नदी का प्रवाह है। इस भौगोलिक परिस्थिति में 1000 वर्ष की आयु वाले पत्थरों के मन्दिर का भार सहन कर सकने वाली मजबूत नींव के संबंध में आईआईटी मुंबई, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी चेन्नई, आईआईटी गुवाहाटी, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रुड़की, लार्सन टुब्रो और टाटा कंपनी के इंजीनियर आपस में परामर्श कर रहे हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले ट्रस्ट की ओर से जानकारी दी गई थी कि देशभर में चंदा लेने का अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए 10, 100 और 1000 रुपये के कूपन उपलब्ध रहेंगे। 

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