नई दिल्ली। लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनावों में अपनी जमानत जब्त करवा चुके भाकियू के बड़बोले नेता राकेश टिकैत के ट्रैक्टर परेड से पहले, ट्रैक्टर परेड के दौरान और ट्रैक्टर परेड के बाद दिए गए बयान उन पर भारी पड़ने लगे हैं। ट्रैक्टर परेड से पहले दिए गए “डंडे लेकर आना” वाले बयान को लेकर तो वे फंसे ही थे, अब उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में यह कह कर नया वितंडा खड़ा कर दिया है कि “पुलिस ने गोली क्यों नहीं चलाई?” ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या राकेश टिकैत हिंसा भड़काना चाहते थे।
राकेश टिकैत के “पुलिस ने गोली क्यों नहीं चलाई?” बयान पर लोग सवाल पूछने लगे हैं कि क्या उनकी यही योजना थी कि लालकिले पर उपद्रव करेंगे तो पुलिस गोली चलाने पर मजबूर होगी जिससे देश में बवाल मचेगा? उधर, दिल्ली पुलिस ने टिकैत को नोटिस जारी कह कहा है कि वह तीन दिन में बताएं कि वादा तोड़ने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होनी चाहिए?
किसानों को ना केवल उकसाया बल्कि उनका नेतृत्व भी किया
राकेश टिकैत की मंशा को लेकर उठ रहे सवाल इसलिए भी गंभीर हैं क्योंकि उन्होंने गाजीपुर बॉर्डर से लालकिले की तरफ जाने के लिए किसानों को ना केवल उकसाया बल्कि उनका नेतृत्व भी किया। टिकैत के नेतृत्व में ट्रैक्टर सवार किसानों गाजीपुर बॉर्डर से दिल्ली की तरफ बढ़ने लगे तो दिल्ली पुलिस की दो महिला कर्मियों ने उन्हें रोका। वे ट्रैक्टर के आगे खड़ी हो गईं। किसानों ने बैरिकेड तोड़कर दूसरी तरफ बढ़ने की कोशिश की तो इंस्पेक्टर पुष्पलता और पुलिसकर्मी सुमन कुशवाहा ट्रैक्टर के बोनट पर लटक गईं। ये सब राकेश टिकैत की मौजूदगी में हो रहा था।
जुबान पर कुछ, इशारा और कुछ
इंस्पेक्टर पुष्पलता गाजीपुर अंडरपास पर तैनात थीं। उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर परेड शुरू होने का तय समय 12 बजे का था, लेकिन प्रातः 9.30 बजे ही रैली शुरू कर दी गई। अंडरपास के उल्टे तरफ आनंद विहार की तरफ जा रहे लोगों में कुछ वापस आए और अंडरपास में लगे बैरिकेड तोड़ने लगे। पुष्पलता ने एबीपी न्यूज से कहा, “राकेश टिकैत हमारे पास दो-तीन बार आए। वह हमारे मुंह पर तो किसानों से ट्रैक्टर बंद करने को कहते थे लेकिन इशारा आगे बढ़ने का करते थे।”
गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत की हरकत और फिर “पुलिस ने गोली क्यों नहीं चलाई?” वाले बयान पर अन्य किसान नेता भी फंस रहे हैं क्योंकि उनसे भी सवाल पूछे जा रहे हैं कि क्या वे भी यही सोचते हैं कि पुलिस को उपद्रवियों पर गोली चलानी चाहिए थी? दरअसल, बुधवार को जब संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के दौरान राकेश टिकैत ने यह बात कही तो सारे प्रमुख किसान नेता वहीं मौजूद थे। टिकैत ने तब कहा, “वह एक घटना घटी है। उसमें पुलिस-प्रशासन दोषी रहा है। उनको लालकिले तक रास्ता मुहैया कराया है, यह पूरे देश ने देखा है। कोई लालकिले के ऊपर चला जाए और पुलिस की एक भी गोली नहीं चले, ये षडयंत्र है पूर्ण रूप से। किसान किसान संगठन को बदनाम करने की साजिश थी।”
टिकैत के इस बयान पर किसान नेता शिवकुमार कक्काजी ने न्यूज चैनल एबीपी न्यूज से कहा कि वह नहीं मानते कि प्रदर्शनकारियों पर गोली चलानी चाहिए थी। हालांकि, उन्होंने राकेश टिकैत के सुर-में-सुर मिलाते हुए सरकार की ओर से साजिश होने की बात जरूर कही। उधर, दिल्ली पुलिस का कहना है कि राकेश टिकैत के इस बयान से उनकी मंशा स्पष्ट होती है। किसानों को ट्रैक्टर परेड के लिए लालकुआं-डासना का रास्ता दिया गया था लेकिन वे आईटीओ से होते हुए लालकिला पहुंच गए।