नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश किया। इसमें रक्षा क्षेत्र के लिए 4,78,195.62 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की गई जबकि पिछले साल यह 4,71,378 करोड़ रुपये (रक्षा पेंशन सहित) था। यह पिठले 15 वर्षों में रक्षा क्षेत्र के लिए सबसे बड़ा बजट आवंटन है।
वित्त मंत्री ने 2020-21 के बजट में देश की सुरक्षा को अधिक पुख्ता बनाने के लिए रक्षा क्षेत्र को मिलने वाले बजट में 6 फीसद का इजाफा किया था। 2019-20 की तुलना में 3.18 लाख करोड़ से बढ़ाकर 2020-21 में 3.37 लाख करोड़ किया गया था। बता दें कि सेना के आधुनिकीकरण और नए और अत्याधुनिक हथियारों की खरीद के लिए सेना को 1,10,734 करोड़ का आवंटन किया गया था। पिछले साल रक्षा पेंशन के बजट को भी बढ़ाया गया था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए रक्षा बजट को बढ़ाकर 4.78 लाख करोड़ रुपये करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को धन्यवाद दिया और इसे 15 वर्षों में रक्षा के लिए पूंजीगत परिव्यय में सबसे अधिक वृद्धि करार दिया।
गौरतलब है कि चीन की तुलना में भारत का रक्षा बजट काफी कम है। जानकारी के मुताबिक, चीन का रक्षा पर होने वाला सालाना खर्च करीब 261 अरब डॉलर यानी करीब 19 लाख करोड़ रुपये है। वहीं, भारत सिर्फ 71 अरब डॉलर यानी करीब 5 लाख करोड़ रुपये सेना पर खर्च करता है।
हालांकि रक्षा जानकार हर बार रक्षा बजट को जीडीपी के तीन फीसद तक करने की मांग करते रहे हैं।
बता दें कि अमेरिका उन देशों की सूची में सबसे ऊपर है, जो रक्षा क्षेत्र में सबसे ज्यादा खर्च करता है। फिर चीन का नंबर आता है।