नई दिल्ली। मद्रास हाईकोर्ट की फटकार के बाद चुनाव आयोग चुनावी कार्यक्रमों में कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर सख्त हो गया है। आयोग ने 2 मई को आने वाले पांच राज्यों के विधानसभा नतीजों पर नई गाइलाइन जारी की है। इसमें कहा गया है कि वोटों की गणना के दौरान या नतीजे आने के बाद किसी तरह का जुलूस नहीं निकाला जाएगा और न ही जश्न मनाया जाएगा। नतीजों के बाद कोई भी उम्मीदवार सिर्फ दो लोगों के साथ ही अपनी जीत का प्रमाणपत्र (certificate, सर्टिफिकेट) लेने जा सकता है।

गौरतलब है कि तमिलनाडु, केरल, पुड्डुचेरी, असम और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के परिणाम मई को आने हैं। बंगाल में 7 चरणों के चुनाव हो चुके हैं। आखिरी चरण के लिए वोटिंग 29 अप्रैल को होनी है। बाकी राज्यों में चुनाव हो चुके हैं।

हाईकोर्ट ने दी थी मतगणना रोकने की चेतावनी

देश में कोरोना संक्रमण के बिगड़ते हालात के बीच मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई मुख्य न्यायाधीश बनर्जी ने तो यहां तक कह दिया कि कोरोना की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है। उन्होंने आयोग को चेतावनी दी थी कि 2 मई को मतगणना के दिन के लिए कोविड प्रोटोकॉल बनाए जाएं और उनका पालन हो। ऐसा नहीं हुआ तो हम काउंटिंग शेड्यूल को रोकने पर मजबूर हो जाएंगे।

तमिलनाडु की करूर सीट के लिए याचिका दायर हुई थी

मद्रास हाईकोर्ट तमिलनाडु की करूर विधानसभा सीट पर होने वाली काउंटिंग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इस याचिका में मांग की गई है कि इस विधानसभा सीट पर 77 उम्मीदवार मैदान में हैं, इसलिए 2 मई को काउंटिंग के दिन यहां कोविड प्रोटोकॉल का पालन होना चाहिए।

मतगणना को लेकर हाईकोर्ट की टिप्पणियां
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आप इसे सुनिश्चित कीजिए कि मतगणना के दिन कोविड प्रोटोकॉल पर अमल हो।
– किसी भी कीमत पर राजनीतिक या गैर-राजनीतिक वजह से मतगणना का दिन कोरोना के मामलों को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार नहीं होना चाहिए।
 या तो मतगणना तरीके से हो या फिर उसे टाल दिया जाएगा।
– लोगों की सेहत सबसे अहम है। यह बात परेशान करती है कि प्रशासन को इस बात की याद दिलानी पड़ती है।
– जब नागरिक जिंदा रहेंगे, तभी वे उन अधिकारों का इस्तेमाल कर पाएंगे, जो उन्हें इस लोकतांत्रिक गणराज्य में मिले हैं।
– आज के हालात जिंदा रहने और लोगों को बचाए रखने के लिए हैं, दूसरी सारी चीजें इसके बाद आती हैं।

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