नई दिल्ली। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ई-वाउचर-बेस्ड डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन ई-रुपी (e-RUPI) लॉन्च किया। ई-रुपी एक प्रीपेड ई-वाउचर है जिसे नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने विकसित किया है। इसके जरिए कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस पेमेंट होगा। सरकार के अनुसार इसके जरिए योजनाओं का लाभ आखिरी व्यक्ति तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।

मुंबई में एक महिला ने एक प्राइवेट हॉस्पिटल में e-RUPI के जरिए वैक्सीनेशन के लिए भुगतान किया और इस तरह इस सॉल्यूशन की पहली यूजर बन गईं। इस महत्वपूर्ण डिजिटल कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों के राज्यपालों, केंद्रीय मंत्रियों, आरबीआई के गवर्नर और अन्य गणमान्य व्यक्ति ने हिस्सा लिया।

इससे होंगे ये फायदे

  1. ये एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस तरीका है।
  2. ये सेवा देने और लेने वालों को सीधे तौर पर जोड़ता है।
  3. इससे सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों को मिलेगा। इससे भ्रष्टाचार में कमी आएगी।
  4. यह एक QR कोड या SMS स्ट्रिंग-बेस्ड ई-वाउचर है, जिसे सीधे लाभार्थियों के मोबाइल पर भेजा जाता है।
  5. इस वन टाइम पेमेंट सर्विस में यूजर्स बिना कार्ड, डिजिटल पेमेंट ऐप या इंटरनेट बैंकिंग के बावजूद वाउचर को रिडीम कर सकेंगे।
  6. e-RUPI के जरिए सरकारी योजनाओं से जुड़े विभाग या संस्थान बिना फिजिकल कॉन्टैक्ट के सीधे तौर पर लाभार्थियों और सर्विस प्रोवाइडर से जुड़े रहेंगे।
  7. इसमें यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सर्विस प्रोवाइडर को भुगतान किया जाए।
  8. प्रीपेड होने की वजह से यह किसी भी मध्यस्थ को शामिल किए बिना सर्विस प्रोवाइडर का समय पर भुगतान करता है।
  9. इन डिजिटल वाउचर का उपयोग प्राइवेट सेक्टर में अपने इम्प्लॉई वेलफेयर और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी कार्यक्रमों के लिए भी किया जा सकता है।

ऐसे काम करता है यह पेमेंट सॉल्यूशन

e-RUPI सर्विस के स्पांसर और बेनिफिशियरी को बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से कनेक्ट करता है। यह साथ ही साथ इस चीज को भी सुनिश्चित करता है कि ट्रांजैक्शन पूर्ण होने के बाद सर्विस प्रोवाइडर को पेमेंट हो। यह प्रीपेड पेमेंट सॉल्यूशन है। एक ऑफिशियल रिलीज में कहा गया है कि यह कल्याणकारी योजनाओं की लीक प्रुफ डिलिवरी की दिशा में उठाया गया क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है। इसका इस्तेमाल विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत सेवाओं की डिलिवरी के लिए किया जा सकता है। साथ-ही-साथ प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को वेलफेयर प्रोग्राम के तहत डिजिटल वाउचर उपलब्ध करा सकती हैं।

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